
मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के लालपुर में चुनावी जनसभा के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के विवादित ‘आदिवासियों को गोली मारने‘ के बयान की जांच शुरू हो गयी है। 23 अप्रैल को राहुल गांधी के दिय बयान के बाद 25 अप्रैल को भाजपा के जिला अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह छावड़ा बुढार थाने में शिकायत लेकर पहुंचे थे, उन्होंने राहुल गांधी पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी, पुलिस अधीक्षक ने इस पर जांच शुरू करते हुए प्रशासन की वीडियो व्यूविंग टीम से रिपोर्ट मांगी है।
भाजपा नेता छावड़ा ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी के भाषण से लोग न केवल भ्रमित हुए हैं बल्कि आदिवासी समुदाय व भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आस्था रखने वाले देश के करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुयी हैं।
पुलिस अधीक्षक कुमार सौरभ ने बताया कि शिकायत के बाद पुलिस तथ्यों की जांच कर रही है। चुनावी जनसभा के दौरान निर्वाचन आयोग की वीडियो शूटिंग टीम पूरे भाषण की वीडियो रिकार्डिंग करती है इसके बाद वीडियो व्यूविंग टीम उसे सुनकर उसका विश्लेषण करती है। पुलिस ने वीवीटी को पत्र लिखकर उक्त आरोपों के तथ्यों के बारे में जानकारी मांगी है। वीवीटी से जवाब आते ही आगे की कार्यवाही की जायेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि ‘नरेंद्र मोदी ने आदिवासियों के लिए एक नया कानून बनाया है, उसमें एक लाइन लिखी है कि आदिवासियों को गोली से मारा जा सकेगा।