अमेठी में कांग्रेस का किला ढहाने का संकल्प लेकर मैदान में उतरी भाजपा की प्रत्याशी स्मृति जुबिन ईरानी ने आज अपना जुड़ाव भी दिखा दिया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मैदान में उतरी स्मृति ईरानी ने आज अपने प्रचार अभियान के दौरान फायर फाइटर की भी बड़ी भूमिका अदा की।
स्मृति ईरानी आज अमेठी में अपने प्रचार कार्यक्रम में थीं। इसी बीच उनको मुंशीगंज के पश्चिम दुआरा गांव में आग लगने की सूजना मिली। इसके बाद वह सक्रिय हो गई। वह अपनी टीम के साथ आग बुझाने में लग गईं। वहां पहुंची और आग बुझाने में मदद की। इस दौरान वह ग्रामीणों से भी उनके दुख दर्द को साझा किया। केंद्रीय मंत्री ने जिलाधिकारी के साथ फायर ब्रिगेड को फोन किया। स्मृति ईरानी ने आग बुझाने में मदद की। स्मृति ने हैंडपंप चलाकर पानी भरा और आग बुझाने में लोगों के साथ-साथ फायर ब्रिगेड की मदद की। फायर ब्रिगेड की गाड़ी देर से पहुंचने पर स्मृति ने अफसरों की क्लास भी ली।
वहीं आग जब गांव तक पहुंच गई तो उन्होंने काफी देर तक नल चलाकर बाल्टियों में पानी भी भरा और आग बुझवाने में मदद किया। उनको ऐसा करते देख पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ भाजपा कार्यकर्ता भी आग बुझाने में जुट गए। अपना सब कुछ तबाह होता देख गांव की महिलाएं स्मृति ईरानी से लिपटकर रोने लगीं। ईरानी ने भी सांत्वना देते हुए महिलाओं को धैर्य रखने की बात कही। वहीं उन्होंने एसडीएम को फोन कर तत्काल मौके पर पहुंचने व पीड़ितों को राहत दिलाने का निर्देश दिया।
दोपहर में मुंशीगंज के पश्चिम दुआरा के गोवर्धनपुर गांव के सीवान में गेहूं के खेत में आग लग गई। तेज हवाओं के चलते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आग तेजी से गांव की तरफ बढऩे लगी। गांव के लोग फायर ब्रिगेड को सूचना देने के साथ ही स्वयं आग बुझाने में जुट गए। क्षेत्र में प्रचार कर रही स्मृति ईरानी के साथ चल रहे कार्यकर्ता ने गांव में आग लगने की जैसे ही सूचना दी वह सारा कार्यक्रम छोड़ कर घटना स्थल की ओर रवाना हो गई। खेतों में जलती फसल देख वह भावुक हो गईं और हाथ में बाल्टी लेकर स्वयं आग बुझाने में जुट गईं।
अमेठी के रास्ते लोकसभा पहुंचने की तैयारी में जुटीं केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी का चुनाव प्रचार व जनसंपर्क अभियान जोरों पर है। आज उनका अलग ही अंदाज देखने को मिला। अमेठी के मुंशीगंज स्थित पूरबद्वारा गांव में आग की खबर मिलने पर स्मृति गांव की ओर निकल पड़ीं। फायर ब्रिगेड की गाड़ी आने में देरी होने पर उन्होंने खुद ही नल से पानी भरकर प्रभावित घरों और खेतों में डलवाना शुरू कर दिया।