
वर्ष 2005 में आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से बीएड की फर्जी डिग्री हासिल करने वाले पांच शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। एसआईटी की जांच में इनके रोल नंबर में फेरबदल करने की पुष्टि हुयी है, उसके बाद विभाग ने यह कार्यवाही की, हालांकि विभाग की तरफ से कार्यवाही में बरती जा रही गोपनीयता के चलते अभी इनके नामों की जानकारी नहीं दी गयी है।
आगरा विश्वविद्यालय से 2005 में बीएड करने वाले कई शिक्षकों के प्रमाण पत्रों के फर्जी होने की शिकायत एसआईटी से की गयी थी, ऐसे शिक्षकों की सूची बेसिक शिक्षा विभाग को सौंपी गयी थी। सबूत के तौर पर एडी बेसिक कार्यालय से लेकर तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी को सीडी उपलब्ध करायी गयी थी, उसमें जिले में तैनात कई शिक्षकों ने नाम मौजूद थे, उनमें से कुछ का दूसरे जिले में स्थानांतरण हो चुका है।
पूर्व में विभाग ने शिक्षकों को नोटिस जारी करते हुए उनका वेतन रोक दिया गया था, उसके बाद शिक्षक न्यायालय की शरण में चले गये थे, वहां से बकाये वेतन का भुगतान करते हुए मामले का निस्तारण करने का आदेश जारी हुआ। विभाग ने सभी शिक्षकों का वेतन जारी कर सीडी के आधार पर उनकी सेवा समाप्त कर दी। संभावना जताई जा रही है कि शिक्षक एक बार फिर न्यायालय की शरण में जा सकते हैं।