लोकसभा चुनाव के सात चरणों के मतदान सम्पन्न होने के बाद आये एग्जिट पोल की प्रमाणिकता चाहे कुछ भी हो, लेकिन सात चरणों के मतदान में हवा किसकी चली है यह बताने में पूरी तरह कामयाब रहे हैं। इस पर संदेह करने की कोई गुजाइंश नहीं है। नतीजे 23 मई को आयेंगे और इसमें साफ हो जायेगा कि एग्जिट पोल में सर्वे करने वाली एजेंसियों की भविष्यवाणी कितनी सत्य थी, लेकिन यह साफ हो गया है कि सभी एग्जिट पोल में एक बार फिर देश की जनता ने एकजुट हुए विपक्ष के मुकाबले मोदी की बातों पर भरोसा किया है।
सातों चरणों में हर राज्य में मतदाता मोदी की बाते सुनकर प्रभावित रहे हैं और उनको जमकर समर्थन दिया है। पहली बार उड़ीसा और बंगाल जैसे राज्यों में अभूतपूर्व समर्थन मिलने से भाजपा नेता गद्गद हैं। राजनैतिक विश्लेषकों के अनुसार पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में एग्जिट पोल की संख्या उलट पुलट कर सकते हैं 23 मई के नतीजे क्योंकि जिस तरह से मतदाताओं का जनसमर्थन देखने को मिला है, उससे इन राज्यों के नतीजे काफी चौकाने वाले हो सकते हैं। इन दोनें राज्यों के बारे में विश्लेषकों का कहना है कि एग्जिट पोल और नतीजों की टेली में भारी अन्तर दिख सकता है।
लोकसभा चुनाव के नतीजे 23 मई को आना शुरू होंगे, लेकिन तीन दिन तक एग्जिट पोल के नतीजे बीजेपी-एनडीए को छोड़कर सभी दलों का तापमान बढ़ाते घटाते रहेंगे। विपक्षी गठबंधन की मोर्चेबंदी में लगे राजनैतिक दलों के नेता के चेहरों की हवाईयां उड़ गयी हैं, अब आने वाले नतीजों के बाद की स्थिति अपना बचाव करने के लिए रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं।