उत्तर प्रदेश के 15 शहरों की हवा को स्वच्छ करने का काम अब राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की निगरानी में होगा, इसके तहत नियमित अंतराल पर एयर क्वालिटी की रिपोर्ट एनजीटी में दाखिल करनी होगी। इस संबंध में एनजीटी ने मुख्य सचिव को निर्देश जारी किये हैं, इन्हीं निर्देशों के आधार पर मुख्य सचिव ने संबंधित जिलाधिकारियों से कहा है कि वे इस बाबत तैयार कार्ययोजना का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने यूपी के 15 शहरों में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने से उन्हें ‘नॉन एटेनमेंट सिटीज‘ की श्रेणी में रखा है, ये वे शहर हैं, जो पांच वर्षों से अधिक समय से नेशनल एंबिएंट एयर क्वालिटरी स्टैंडर्ड (एनएएक्यूएस) को हासिल करने में नाकाम रहे हैं।
इन शहरों में लखनऊ, कानपुर, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, गाजियाबाद, नोएडा, खुर्जा, फिरोजाबाद, अनपरा, गजरौला, झांसी, मुरादाबाद, रायबरेली और बरेली शामिल हैं। एनजीटी ने इन शहरों की हवा को स्वच्छ करने के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिये हैं।