बसपा सुप्रीमो मायावती के 23 साल से खासमखास एंव उनकी कैबिनेट के पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय को मंगलवार को पार्टी से निकाले जाने से नाराज बसपा के अनेक कार्यकर्ता, पदाधिकारियों ने मायावती के इस फैसले के विरूद्ध पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
बसपा की टिकट पर विधायक का चुनाव लड़ चुके ज्ञानेंद्र गौतम समेत चार जिला पंचायत सदस्यों ने बसपा से इस्तीफा दे दिया है।
पूर्व ऊर्जा मंत्री और बसपा के कद्दावर नेता रामवीर उपाध्याय पर बसपा ने अनुशासनहीनता की कार्यवाही उधर उनके समर्थकों ने भी पार्टी से इस्तीफा देना शुरू कर दिया। रामवीर उपाध्याय के समर्थन में आगरा में 48 नेताओं ने इस्तीफे दिये हैं, जिनमें उत्तर विधानसभा से चुनाव लड़ चुके ज्ञानेंद्र गौतम भी शामिल हैं।
लोकसभा चुनाव में नामांकन शुरू होने से ऐन पहले फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने से इंकार करते ही रामवीर और सीमा उपाध्याय पर निष्कासन की कार्यवाही होनी थी, लेकिन चुनावी मौके पर पार्टी संदेश देने से बचती रही। मतदान खत्म होने के बाद विधायक रामवीर उपाध्याय को निलंबित करने का पत्र जारी किया गया, जैसे ही यह पत्र जारी किया गया, जैसे ही यह पत्र जारी हुआ, बसपा नेताओं ने रामवीर उपाध्याय के समर्थन में इस्तीफों की झड़ी लगा दी। चार जिला पंचायत सदस्यों सुनीता कसाना, अरूण शर्मा, रेखा तिवारी, सुभाष शर्मा के साथ उत्तर सीट के प्रत्याशी रहे ज्ञानेंद्र गौतम और कई प्रधान, पूर्व प्रधानों ने पार्टी छोड़ दी। मंगलवार को 48 बसपा नेताओं ने इस्तीफे दिये।