मथुरा में लस्सी के पैसे मांगने पर भरत यादव की हत्या कर दी गयी। हत्यारे नईम, शाहरूख, साजिद, हनीफ, फईम, अरशद, सुहेल समेत 15 लोग हैं। रमजान के महीने में मुफ्त की लस्सी पीने के लिए भरत यादव को इन लोगों ने इतना पीटा कि उसकी इलाज के दौरान मौत हो गयी। मॉब लिचिंग पर बड़े बड़े भाषण देने वाले मथुरा की इस घटना पर बिल्कुल चुप हैं, कहीं से कोई खबर नहीं आ रही कोई नहीं बोल रहा न कोई अवार्ड लौटा रहा है। भरत यादव की विधवा अपने पति की दुकान पर माला चढ़ी हुयी तस्वीर आगे रखकर सिर्फ रोती हुयी दिख रही है और प्रार्थना कर रही है कि अब और किसी के साथ ऐसा न हो।
घटना 18 मई की मथुरा की नाथू शॉप की है जब भरत यादव अकेला बैठा हुआ था। हनीफ और एक महिला समेत तीन लोग उसकी दुकान पर लस्सी पीते हैं, एक लस्सी पैक कराते हैं, पैसे मांगने पर बीस रूपये न देने पर झगड़ा करने लगते हैं। भरत यादव कह देता है कि कोई बात नहीं पी ली बाद में पैसे दे जाना। दूसरे दुकानदार भी झगड़े पर उतारू हनीफ को समझाते हैं, वह चला जाता है, फिर डेढ़ दर्जन लोगों के साथ आकर दुकान से भरत यादव को खींचकर बीच रोड पर ले जाकर बुरी तरह यह भीड़ पीटती है। भरत गंभीर रूप से घायल हो जाता है, अस्पताल में भर्ती कराया जाता है पता चलता है कि पिटाई से उसके दिमाग की नसें क्षतिग्रस्त हो गयीं हैं और उसकी 25 मई को मौत हो जाती है। इतनी बड़ी गंभीर घटना पर सांप्रदायिक तनाव व्याप्त हो जाता है, उसके शव आने पर बाजार बन्द हो जाते हैं, फोर्स की सतर्कता से कोई घटना तो नहीं घटित हुयी लेकिन लोगों में इस घटना को लेकर जबरदस्त गुस्सा है।