श्रावण मास के चारों सोमवार को शहर के चारों दिशाओं में प्रमुख चार शिवालयों पर मेले का आयोजन किया जाता है। पहले सोमवार को श्री राजेश्वर महादेव, दूसरे सोमवार को बल्केश्वर महादेव और तीसरे सोमवार को कैलाश महादेव का मेला लगता है। चौथे सोमवार को पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर में मेले का आयोजन किया जाता है।
आगरा के राजेश्वर, बल्केश्वर और कैलाश के बाद सावन के चौथे सोमवार को पृथ्वीनाथ महादेव के दरबार में जय-जयकार गूंजेगी। सोमवार को तड़के चार बजे मंदिर के पट खुल जाएंगे। दर्शन को भक्तों की लंबी कतार लगेगी।
आगरा के शाहगंज स्थित पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर में इस मंदिर के नाम से ही पता चलता है कि इस मंदिर का इतिहास पृथ्वीराज चौहान से जुड़ा हुआ है। बताया जाता है कि पृथ्वीराज चौहान ने ही शिवलिंग की खोजकर पूजा-अर्चना की। इसके बाद से ही यहां पर शिवजी पूरे परिवार के साथ विराजमान हैं।
पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर के महंत अजय राजौरिया बताते हैं कि जहां आज ये मंदिर है, वहां कभी घना जंगल हुआ करता था। एक बार पृथ्वीराज चौहान इस तरफ से गुजर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने यहां पर आराम करने का मन बनाया। पृथ्वीराज चौहान ने अपना घोड़ा बांध दिया, लेकिन कुछ देर बाद ही वह खुल गया। उन्होंने बहुत बार कोशिश की, लेकिन घोड़ा बांध नहीं पाए, वे परेशान हो गये। वे घोड़े को बांधने के लिए जगह तलाश कर रहे थे, उसी दौरान उन्हें शिवलिंग गड़ा मिला।
महंत अजय राजौरिया ने बताया कि पृथ्वीराज चौहान ने शिवलिंग को उखाड़ने की कोशिश की, लेकिन काफी खुदाई के बाद भी उसका ओर छोर नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने पूजा करनी शुरू की। यहां पर मंदिर का निर्माण कराया गया। इसके बाद से इस मंदिर की मान्यता बढ़ती चली गई। उन्हीं के नाम पर इस मंदिर का नाम पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर पड़ गया। बताया जाता है कि यहां जो भी भक्त सच्चे मन से कुछ भी मांगता है, तो उसकी हर मुराद पूरी होती है।
पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर पर वैसे तो श्रावण मास के चारों सोमवार को पूजा अर्चना और अभिषेक होता है, लेकिन श्रावण मास के आखिरी सोमवार को यहां पर मेले का आयोजन किया जाता है। रविवार शाम को मेले का शुभारम्भ हो जाता है।प्रशासन ने मंदिर पर लगने वाले सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये हैं शहर का यातायात डायवर्ट किया गया है।
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