जश्न-ए-आजादी का उल्लास जम्मू-कश्मीर और नए केंद्र शासित प्रदेश बने लद्दाख में भी खूब देखने को मिला।अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पहली बार स्वतंत्रता दिवस मना रहे दोनों केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) पर देशभर के लोगों की निगाहें थीं। इन दोनों केंद्र शासित प्रदेशों से हर्षोउल्लास के बीच जश्न-ए-आजादी की जो तस्वीरें सामने आईं, उनमें सुकून की लकीरें साफ दिख रही थीं।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 73 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। स्टेडियम में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। एक तरफ जहां कश्मीर में भारतीय झंडा हाथ में लिए लोग एक-दूसरे को इस मौके पर बधाई देते दिखे वहीं लद्दाख के लेह में सेना के जवानों की मौजूदगी में यहां के युवाओं ने कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए। शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में तो गवर्नर सत्यपाल मलिक के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी जश्न-ए-आजादी कार्यक्रम में शिरकत करते दिखे।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में बोलते हुए कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों से यह कहना चाहता हूं कि आपकी पहचान खतरे में नहीं है. इससे कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है भारत का संविधान हर राज्य के स्थानीयता को फलने-फूलने का मौका देता है।
इस बीच लद्दाख में एक दिलचस्प बैनर देखने को मिला जिसपर बेहद दिलचस्प चीज लिखी दिखाई दी। बैनर पर लिखा था कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख आज अपना पहला स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। आपको बता दें कि 31 अक्टूबर 2019 को लद्दाख आधिकारिक तौर पर केंद्र शासित प्रदेश हो जाएगा।
इस खास मौके पर लाल किले की प्राचीर से पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण में आर्टिकल 370 की गूंज साफ सुनाई दी। यह ऐतिहासिक लम्हा था और सबकी नजर जम्मू-कश्मीर पर भी थी। यह इसलिए भी सभी देखना चाहते थे कि आखिर इस अहम बदलाव के बाद घाटी में इस बार आजादी का जश्न कैसा दिखेगा।