INX मीडिया केस में दिल्ली हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत की याचिका खारिज होने के बाद फरार चल रहे पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को आज सुप्रीम कोर्ट से भी तत्काल राहत नहीं मिल पाई है।
जस्टिस एनवी रमना की पीठ ने केस के बिना लिस्टिंग हुए सुनवाई से इनकार कर दिया है और कहा कि इस मामले में उन्हें कल सुबह तक इंतजार करना होगा। इस केस के लिस्टिंग पर फैसला चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ही करेंगे। इससे पहले कोर्ट ने चिदंबरम की याचिका को भी दोषपूर्ण बताया था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने पूर्व वित्त मंत्री की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि मेरे क्लाइंट कहीं भाग नहीं रहे हैं। हालांकि, इस पर कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की याचिका दोषपूर्ण है और इसके त्रुटिरहित होने के बाद ही लिस्टिंग के लिए भेजा जा सकता है। जस्टिस रमना ने कहा, ‘इससे अधिक हम और कुछ नहीं कर सकते। याचिकाकर्ता को कम से कम कल सुबह तक का इंतजार करना ही होगा।’
इसके पहले रजिस्ट्रार ने अदालत को जानकारी दी कि लिस्टिंग पर फैसला भारत के मुख्य न्यायाधीश को करना है, लेकिन हमें अभी उनके आदेश का इंतजार है। कोर्ट को बताया गया कि चीफ जस्टिस अभी अयोध्या मामले को सुन रहे हैं, ऐसे में उन्हें बीच में टोका नहीं जा सकता है। कपिल सिब्बल ने आग्रह किया कि अगर सभी खामियां दूर हो गई हैं तो मामला सुना जाए। सिब्बल के जोर देने के बाद जस्टिस रमना ने कहा कि अगर चीफ जस्टिस उन्हें आदेश देते हैं तो वह इस मामले की सुनवाई कर सकते हैं।

बता दें कि मंगलवार को हाई कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद कांग्रेस सासंद ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। हालांकि, कोर्ट से भी फिलहाल उन्हें कोई राहत नहीं मिली है। इस बीच कांग्रेस पार्टी लगातार चिदंबरम के साथ खड़ी नजर आ रही है। प्रियंका गांधी ने चिदंबरम को बेहद सम्मानित सांसद और जनप्रतिनिधि बताया तो राहुल गांधी ने भी उनके समर्थन में ट्वीट किया।
Modi’s Govt is using the ED, CBI & sections of a spineless media to character assassinate Mr Chidambaram.
I strongly condemn this disgraceful misuse of power.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 21, 2019
इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के खिलाफ एक नया लुकआउट नोटिस जारी किया। अधिकारियों ने इस बारे में बताया कि कांग्रेस नेता के खिलाफ लुकआउट नोटिस सभी सड़क मार्ग, हवाई मार्ग तथा समुद्री बंदरगाहों और वहां की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भेज दिए गए हैं।
इसमें यह भी कहा गया है कि चिदंबरम को ईडी की अनुमति के बिना भारत की सीमा से बाहर न जाने दिया जाए। अधिकारियों ने बताया कि यह एजेंसी द्वारा उठाए गए ऐहतियाती कदम हैं क्योंकि चिदंबरम के पते-ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है और INX मीडिया मामले की जांच को आगे बढ़ाने में उनकी जरूरत है।
ईडी का कहना है कि चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम ने आईएनएक्स की ओर से मिली रिश्वत की रकम से स्पेन में एक टेनिस क्लब और यूके में कॉटेज के अलावा देश-विदेश में कई अन्य संपत्तियां खरीदीं। ईडी इसी मामले में चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहता है। ध्यान रहे कि दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्तारी से किसी भी तरह का संरक्षण देने से इनकार कर दिया था।
उसके बाद चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई। उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई हो या नहीं, इसका फैसला चीफ जस्टिस रंजन गोगोई करेंगे। देश की जांच एजेंसियां जिन लोगों के खिलाफ जांच कर रही होती हैं, उनके खिलाफ 4 तरह के लुकआउट सर्कुलर जारी किए जा सकते हैं। एक में किसी शख्स के ट्रैवल प्लान पर इमिग्रेशन ब्यूरो नजर रखता है। दूसरे में इमिग्रेशन अधिकारी संबंधित एजेंसी को तुरंत जानकारी देता है। तीसरे में इमिग्रेशन अधिकारी शख्स को देश छोड़कर जाने से रोकता है। वहीं, चौथे में इमिग्रेशन ऑफिसर उस शख्स को कस्टडी में ले लेता है।