पूर्व वित्तमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली राजनीति, वकालत, खेल और सामाजिक जीवन की तमाम यादों को छोड़कर पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। निगमबोध घाट पर दोपहर तीन बजे उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। बेटे रोहन ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू, गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के अलावा कांग्रेस सहित अन्य दलों के नेता मौजूद थे।
मुखाग्नि से ठीक पहले मौसम तेजी से बदला और जोरदार बारिश होने लगी। जेटली के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए बीजेपी मुख्यालय से निगम बोध घाट फूलों से सजी तोप गाड़ी में ले जाया जाया गया। पूरा माहौल ‘जेटली जी अमर रहें’ के नारों से गूंज रहा था। पार्टी कार्यकर्ता और शोकाकुल लोग सुबह से ही बीजेपी मुख्यालय के बाहर जेटली को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए कतार में खड़े थे।
शनिवार को जेटली का पार्थिव शरीर उनके आवास पर रखा गया था जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और विभिन्न दलों के नेता उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। शाह ने शनिवार को कहा कि जेटली भ्रष्टाचार के खिलाफ एक योद्धा थे और जनता के लिए जनधन योजना लाने, नोटबंदी एवं जीएसटी के सफल क्रियान्वयन का श्रेय उन्हें जाता है।
निगम बोध घाट की ओर से जाने वाली सड़कों पर जेटली को याद करने वाले पोस्टर लगे हुए थे। 66 वर्षीय जेटली का शनिवार को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज के दौरान निधन हो गया था। उन्हें 9 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था।उस समय उनको सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. लेकिन अस्पताल में भर्ती होने के बाद उनकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई. कुछ साल पहले ही उनकी बैरियाट्रिक सर्जरी की गई थी।
अरुण जेटली की हालत बीते शुक्रवार को ही बिगड़ गई थी. अरुण जेटली को सांस लेने में तकलीफ को लेकर नौ अगस्त को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था. उनका बीते गुरुवार को डायलसिस किया गया था।