प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के ऐतिहासिक दौरे पर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने 20वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में बगैर नाम लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रूस और भारत किसी देश के आंतरिक मामले में बाहरी दखल के खिलाफ हैं। उन्होंने ये बात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में कही। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। इस दौरान दोनों की उपस्थिति में कई समझौतों का आदान-प्रदान हुआ। मालूम हो कि रूस जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 खत्म करने को पहले भी भारत का आतंरिक मामला बता चुका था।
पीएम मोदी ने संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान कहा ‘मेरे लिए पहले भारतीय पीएम के तौर पर व्लादिवोस्तोक आना सम्मान की बात है। मैं अपने मित्र, राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे यहां आमंत्रित किया। मुझे याद है कि 2001 का वार्षिक शिखर सम्मेलन रूस में आयोजित हुआ था, जब वह राष्ट्रपति थे और मैं गुजरात के सीएम के रूप में अटल जी के प्रतिनिधिमंडल में आया था। भारत-रूस की मित्रता उनके संबंधित राजधानी शहरों तक ही सीमित नहीं है। हमने लोगों को इस रिश्ते का मूल आधार बना रखा है।’
पीएम मोदी ने कहा ‘हम दोनों देशों के बीच संबंधों को नई ऊंचाईयों पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। भारत में रूस के सहयोग से न्यूक्लियर प्लांट बन रहे हैं, कुछ समय पहले ही में भारत का एक प्रतिनिधिमंडल यहां पर आए और इस दौरान समझौतों को लेकर बातचीत हुई।’
संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पुतिन ने कहा कि ये हमारे लिए खुशी की बात है कि आज भारत के प्रधानमंत्री रूस के दौरे पर आए हैं। दोनों देशों के बीच काफी पुराने संबंध हैं। हमारी दोस्ती लगातार मजबूत हो रही है। दोनों देश लगातार संपर्क में रहते हैं और हमारे बीच लगातार कई बैठकें हो रही हैं।
पुतिन ने कहा ‘इससे पहले हम दोनों के बीच ओसाका में बैठक हुई थी, हम लोग लगातार खुले और बढ़िया वातावरण में बातचीत कर रहे हैं। पिछली बैठक में हमने जो फैसले लिए थे, उसकी आज समीक्षा की गई। हमारी प्राथमिकता निवेश और व्यापार है, दोनों देशों के व्यापार में 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। मुझे विश्वास है कि दोनों देश कई और मोर्चे पर साथ आगे बढ़ेंगे।’
पुतिन ने कहा कि आज दोनों देशों के बीच सुरक्षा, व्यापार और ऊर्जा क्षेत्र में समझौते हुए हैं। हम भारत की कंपनियों का रूस में स्वागत करना चाहते हैं। दोनों देशों के बीच हथियारों को लेकर काफी अच्छे संबंध हैं। हम भारत में मिसाइल सिस्टम और रायफल बनाने की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। सामरिक तौर पर दोनों देशों का इतिहास काफी पुराना है।
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा ‘रूस भारत का मित्र होने के साथ-साथ भरोसेमंद साझेदार है। आपने हमारी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के विस्तार पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान केंद्रित किया है। 2 अभिन्न मित्रों के तौर पर हम नियमित रूप से मिलते रहे हैं। मैंने कई मुद्दों पर आपसे टेलीफोन पर बात की है, मुझे कभी कोई झिझक नहीं हुई।’
इस दौरान उन्होंने यह भी कहा, ‘आपने घोषणा की है कि मुझे रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ से सम्मानित किया जाएगा। मैं आपका और रूस के लोगों का आभार व्यक्त करता हूं। यह हमारे 2 देशों के लोगों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को प्रदर्शित करता है। यह 130 करोड़ भारतीयों के लिए सम्मान की बात है।’ इस सम्मान का ऐलान इस साल अप्रैल में हुआ था।’