प्रधानमंत्री मोदी रूस के दौरे पर हैं और 20वें वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भी शिरकत कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद किया। राष्ट्रपति पुतिन के साथ साझा बयान में उन्होंने पहले सम्मेलन को याद करते हुए कहा कि 2001 में इसकी शुरुआत हुई थी। उन्होंने कहा, ‘उस समय पुतिन राष्ट्रपति थे और मैं अटल जी के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर आया था। इसके बाद हम दोनों की दोस्ती का सफर आगे बढ़ा।’ पीएम मोदी ने 2001 के पहले शिखर सम्मेलन को याद करते हुए कुछ तस्वीरें भी ट्वीट कीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक तस्वीर साझा कि जिसमें वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बगल बैठे हैं और दूसरी तरफ राष्ट्रपति पुतिन बैठे हैं। एक और तस्वीर में राष्ट्रपति पुतिन और अटल बिहारी वाजपेयी बयान दे रहे हैं। कुर्सी के पीछे मोदी और जसवंत सिंह खड़े हैं। जसवंत सिंह उस समय विदेश मंत्री थे। पीएम मोदी ने लिखा, ’20वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेते वक्त मुझे 2001याद आ रहा था जब अटल जी प्रधानमंत्री थे और मुझे गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में प्रतिनिधि मंडल में शामिल किया गया था।’
दो घंटे चले सम्मेलन में कई समझौते हुए। विदेश मंत्रालय के मुताबिक तेल औऱ गैस, रक्षा, खनन, हवाई और समुद्री कनेक्टिविटी, न्यूक्लियर एनर्जी, ट्रांसपॉर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर, व्यापार ओर निवेश संबंधी विषयों पर बात हुई। पीएम मोदी ने कहा कि ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम के लिए मिला निमंत्रण बेहद सम्मान का विषय है। उन्होंने कहा 20 वर्षों में इस व्यवस्था ने हमारे संबंधों को 21वीं सदी के अनुरूप ढाला है और विश्व के लिए शांति, प्रगति और स्थायित्व का एक विशेष कारक बनाया है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जूडो के शौकीन हैं यह पूरी दुनिया जानती है मगर पुतिन अपने इस शौक को कूटनीति में शामिल करने की कला भी बखूबी जानते हैं। लिहाजा व्लादिवोस्तक की मेजबानी कर रहे रूसी राष्ट्रपति ने अपने खास मेहमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जूडो चैंपियनशिप के अखाड़े में ले जाने का कार्यक्रम भी बनाया है। ईस्ट ईकोनॉमिक फोरम के लिए मंगलवार शाम रूस रवाना हो रहे पीएम मोदी 5 नवंबर को राष्ट्रपति पुतिन के साथ व्लादिवोस्तक में चल रही जूडो प्रतिस्पर्धा देखने भी जाएंगे।