आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ( Dr. B.R. AMBEDKAR UNIVERSITY, AGRA) के बहुचर्चित फर्जी अंकतालिका प्रकरण में शुक्रवार को महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। कार्यपरिषद की बैठक में बीएड सत्र 2005 (2004-05) के फर्जीवाड़े में 2824 छात्रों की अंकतालिका फर्जी करार दी गई हैैं। 3637 फर्जी छात्रों (रोल नंबर जनरेट, बिना पढ़े और परीक्षा दिए अंकतालिका देना) की सूची पर यह फैसला लिया है। फर्जी छात्रों की सूची 10 फरवरी को हाईकोर्ट में पेश की जाएगी। अभी नंबर बढ़ाने और एक रोल नंबर पर दो अंकतालिका जारी करने वाले 1129 फर्जी छात्रों पर निर्णय नहीं लिया गया है। फर्जी अंकतालिका के आधार पर छात्रों ने प्रदेश भर में शिक्षक की नौकरी पा ली है।
आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) की ओर से उपलब्ध कराई गई सूची के आधार पर 2824 अभ्यर्थियों के अंकपत्रों को फर्जी माना है। इनकी सूची हाईकोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी और एसआईटी को भी भेजा जाएगा। शुक्रवार को विश्वविद्यालय के अतिथि गृह में कुलपति डॉ. अरविंद कुमार दीक्षित की अध्यक्षता में हुई कार्य परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
एसआईटी की संशोधित सूची में 4766 अभ्यर्थियों के नाम शामिल थे। इनको तीन श्रेणी में रखा गया है। 3637 अभ्यर्थियों को फर्जी, 1084 को टेंपर्ड (छेड़छाड़) और 45 को एक रोल नंबर पर एक से अधिक अभ्यर्थियों की सूची में रखा गया है। हाईकोर्ट के आदेश पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी फर्जी श्रेणी में शामिल 3637 अभ्यर्थियों पर निर्णय लिया है। इस श्रेणी में 813 अभ्यर्थियों ने रजिस्टर्ड डाक, स्पीड पोस्ट के माध्यम से व कुलसचिव कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से प्रत्यावेदन दिया। जिन 2824 ने प्रत्यावेदन नहीं दिया है, उनको फर्जी मान लिया गया।
कुलपति डॉ. अरविंद कुमार दीक्षित ने कहा कि प्रत्यावेदन देने वाले अभ्यर्थियों की रिपोर्ट एसआईटी को देखने के लिए भेजी जा रही है। उसने ही मामले की जांच की है। 21 दिन के अंदर प्रत्यावेदन देने वाले अभ्यर्थियों पर भी निर्णय ले लिया जाएगा। टेंपर्ड और एक रोल नंबर पर एक अधिक अभ्यर्थियों के मामले में भी जल्द निर्णय लिया जाएगा। इनको डाक से नोटिस भेजा जाएगा। एक-एक अभ्यर्थी को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा।