जम्मू-कश्मीर ( Jammu and Kashmir) में सुरक्षाबलों को आज एक और बड़ी कामयाबी मिली है, पुलवामा (Pulwama) जिले के कंगन ( Kangan) इलाके में सुरक्षा बलों ने एनकाउंटर में जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammad) के तीन आतंकियों को मार गिराया। इनमें से एक जैश का टाॅप कमांडर अब्दुल रहमान था। उसकी पहचान फौजी भाई, इदरीस और लंबू के नाम से भी थी।मारे गए आतंकियों के शव सुरक्षाबलों ने अपने कब्जे में ले लिए हैं जबकि उनके पास से भारी तादाद में हथियार व गोलाबारूद भी बरामद हुआ है।
लंबू आईईडी एक्सपर्ट था। जब पिछले हफ्ते पुलवामा पार्ट-2 की नाकाम कोशिश की थी के। अयानगुंड में कार में मिले आईईडी विस्फोटक को लंबू ने ही तैयार किया था।जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने बताया कि मारे गए आतंकियों में एक की पहचान पाकिस्तान के मुल्तान के रहने वाले अब्दुल रहमान उर्फ फौजी भाई/फौजी बाबा के तौर पर हुई है जो आईईडी एक्सपर्ट था। वह 2017 से ही दक्षिण कश्मीर में सक्रिय था।
पुलवामा (Pulwama) में पिछले साल सीआरपीएफ के जवानों पर हुए हमले के वक्त भी वह सक्रिय था। लंबू 2017 से पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammad) की गतिविधियों शामिल था।
इंटेलीजेंस इनपुट के बाद राष्ट्रीय राइफल्स, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF ) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने आज तलाशी अभियान छेड़ा था। सुरक्षा बलों ने एनाउंसटमेंट कर आतंकियों से सरेंडर करने के लिए भी कहा, लेकिन आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। एहतियात के तौर पर पुलवामा जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद की गई है।
अब्दुल रहमान उर्फ फौजी भाई जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर का रिश्तेदार था। वह जैश का बम एक्सपर्ट था। इस्माइल अल्वी उर्फ फौजी बाबा उर्फ लंबू कश्मीर घाटी में जैश का टॉप कमांडर था। 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर जिस कार बम से हमला किया गया था, उसे इस्माइल अल्वी ने ही तैयार किया था। उस हमले में 44 जवान शहीद हुए थे। यहां तक कि पिछले हफ्ते 28 मई को पुलवामा पार्ट 2 को अंजाम देने की साजिश के पीछे भी वही था।
इस्माइल अल्वी 2017 के आखिर में पाकिस्तान से कश्मीर घाटी में आया था। उसके साल भर बाद कश्मीर में जैश का टॉप कमांडर कारी मुफ्ती यासिर को सुरक्षा बलों ने मार गिराया। फिर इस्माइल अल्वी जनवरी 2019 में घाटी में जैश का टॉप कमांडर बना। मसूद अजहर ने उसे बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने को कहा। यह आतंकवादी कितना खतरनाक था, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि घाटी में जैश का कमान मिलने के कुछ ही दिनों के भीतर 14 फरवरी 2019 को जम्मू से श्रीनगर जा रहे सीआरपीएफ के काफिले पर पुलवामा में आत्मघाती कार बम से हमले को अंजाम दिया। हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हुए थे।
पुलवामा (Pulwama) में बीते 24 घंटे में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच ये दूसरा एनकाउंटर था। इससे पहले मंगलवार को सुरक्षा बलों ने पुलवामा के त्राल इलाके ( Tral encounter ) में दो आतंकियों को मार गिराया था। सोमवार को नौशेरा सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश कर रहे तीन पाकिस्तानी आतंकी मारे गए। सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में 28 मई से ही तलाशी अभियान छेड़ रखा है। इंटेलीजेंस एजेंसी ने अलर्ट किया था कि पाकिस्तान से आतंकवादियों की घुसपैठ हो सकती है।