पंजाब (Punjab) के तीन जिलों अमृतसर (Amritsar) ,बटाला(Batala)और तरनतारन (Tarn Taran)में कथित रूप से जहरीली शराब (Toxic Liquor ) पीने से 86 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। आरोपियों की तलाश में पुलिस टीमें लगी हुई हैं। फिलहाल अभी तक 25 लोगों को ही गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा 100 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पंजाब सरकार ने तत्काल प्रभाव से 13 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया।
पंजाब पुलिस,के मुताबिक,जहरीली शराब (Toxic Liquor ) से मौत के पहले पांच मामले 29 जुलाई की रात अमृतसर के तारसिक्का के तांगड़ा और मुच्छल गांव से सामने आए थे। इसके बाद लगातार मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। जानकारी के मुताबिक, जहरीली शराब पीने से सबसे ज्यादा मौत तरनतारन में हुई है। यहां मरने वालों की संख्या बढ़कर 42 तक पहुंच गई है। बताया गया है कि जिले के सदर और शहर के इलाकों में अधिकतम मौतें हुई हैं।
पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सिंह ने मृतकों के परिवार को दो लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। सरकार के मुताबिक मरने वालों में तरनतारन के 63, अमृतसर देहात के 12 और गुरुदासपुर के बाटला से 11 लोग शामिल हैं। इसके अलावा सीएम ने एक्साइज और टैक्सेसन विभाग के 7 अधिकारियों, 2 डीएसपी और 4 एसएचओ को सस्पेंड कर दिया है। इन सभी अधिकारियों के खिलाफ जांच के भी आदेश दिए गए हैं। राज्य सरकार के मुताबिक इन अधिकारियों की लापरवाही से इतनी बड़ी घटना हुई है।
इस मामले में आईपीसी की धारा 304 के तहत मामला दर्ज कर एक महिला बलविंदर कौर को गांव में जहरीली शराब (Toxic Liquor ) बेचने के संदेह में गिरफ्तार किया गया है। शिरोमणि अकाली दल के स्थानीय नेता बलबीर सिंह ने बताया कि गांव में सभी जानते हैं कि बलविंदर कौर अवैध शराब बेचने का कारोबार करती है, लेकिन ये आश्चर्य की बात है कि पुलिस और सरकार को इस बात की जानकारी कैसे नहीं मिली।