राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ( ) ने इस साल रक्षाबंधन ( Raksha Bandhan) का त्योहार नर्सों के साथ मनाया। द ट्रेंड नर्सेज असोसिएशन ऑफ इंडिया, मिलिट्री नर्सिंग सर्विस और प्रेजिडेंट एस्टेट क्लिनिक के नर्सों ने राष्ट्रपति भवन जाकर कोविंद की कलाई पर राखियां बांधी। कोविंद ने उन्हें अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर दूसरों की रक्षा करने वाला बताया।
राष्ट्रपति भवन ने बयान जारी कर कहा कि नर्सों ने राष्ट्रपति को राखियां बांधीं और कोविड-19 से निपटने में अपने अनुभव साझा किए। राष्ट्रपति ने नर्सों का सम्मान करते हुए कहा कि वे अग्रिम मोर्चे के कोविड योद्धाओं का काम कर रही हैं और काम के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से उनके सम्मान में इजाफा हुआ है।
राष्ट्रपति ने कहा कि परंपरागत रूप से रक्षाबंधन( Raksha Bandhan) का त्योहार भाइयों द्वारा बहनों की रक्षा से जुड़ा हुआ है लेकिन नर्सों के मामले में यह है कि वे अपनी प्रतिबद्धता से अपने भाइयों का सहयोग करती हैं और सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं। उन्होंने सेना की नर्सिंग सेवा के दो सदस्यों का जिक्र किया जो रोगियों की सेवा करते हुए कोरोना वायरस से संक्रमित हो गईं, लेकिन जल्द ठीक होने के बाद पूरे उत्साह से काम पर लौट आईं। उन्होंने महामारी के दौरान प्रतिबद्धता के लिए नर्सिंग समुदाय को धन्यवाद दिया।
हर एक नर्स ने कोविड-19 रोगियों का सहयोग करने का अपना अनुभव साझा किया लेकिन सबके विचार एक थे कि बीमारी के बारे में गलत धारणा के कारण रोगियों को काफी मानसिक तनाव था और इसका समाधान चिकित्सीय एवं काउंसिलिंग के माध्यम से किया जाना चाहिए। राष्ट्रपति ने उन्हें सुना और उल्लेखनीय सेवाओं के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने रक्षाबंधन( Raksha Bandhan) पर पूरे नर्सिंग समुदाय को शुभकामनाएं दीं।