चीन (China ) की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh ) से लापता पांच युवाओं को रिहा कर दिया है। नाम तोच सिंगकम, प्रसात रिंगलिंग, डोंग्टू इबिया, तनु बाकर और नगारु डिरी को पीएलए ने 4 सितंबर को अगवा किया था। भारतीय सेना के बयान के अनुसार सारी औपचारिकाताएं पूरी करने के बाद सभी पांचों लोगों को किबितू में रिसीव किया गया है।
इन सभी को कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत 14 दिनों के लिए क्वारंटीन किया जाएगा और इसके बाद इन्हें परिवार के सदस्यों को सौंप दिया जाएगा। इस बात की जानकारी तेजपुर डिफेंस के जनसंपर्क अधिकारी ने दी।
पीएलए ने मंगलवार को कहा था कि चार सितंबर को अपर सुबनसिरी जिले में भारत-चीन (China )सीमा से लापता हुए पांच युवक उन्हें सीमापार मिले थे। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने शुक्रवार को ट्वीट किया था, ‘चीन की पीएलए ने भारतीय सेना से इस बात की पुष्टि की है कि वह अरुणाचल प्रदेश के युवकों को हमें सौंप देंगे। उन्हें 12 सितंबर को किसी भी समय एक निर्दिष्ट स्थान पर सौंपा जा सकता है।’
यह घटना तब सामने आई थी जब एक समूह के दो सदस्य जंगल में शिकार के लिए गए थे। लौटने पर उन्होंने उक्त पांच युवकों के परिवार वालों को जानकारी दी थी कि युवकों को सेना के गश्ती क्षेत्र सेरा-7 से चीनी सैनिक ले गए हैं। यह स्थान नाचो से 12 किलोमीटर उत्तर में स्थित है।
अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh ) में मैकमोहन रेखा पर स्थित नाचो अंतिम प्रशासनिक क्षेत्र है और यह दापोरीजो जिला मुख्यालय से 120 किलोमीटर दूर है। चीनी सेना द्वारा कथित तौर पर अगवा किए गए युवकों की पहचान तोच सिंगकम, प्रसात रिंगलिंग, डोंगतु एबिया, तनु बाकर और नगरु दिरी के रूप में हुई थी।
इस घटना के बाद मंत्री रिजिजू ने शुक्रवार को ट्वीट कर बताया था कि चीन की पीएलए ने भारतीय सेना से इस बात की पुष्टि की है कि वह अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh )के युवकों को हमें सौंप देंगे। चीनी सेना ने बताया था कि आज 12 सितंबर को किसी भी समय एक निर्दिष्ट स्थान पर सौंपा जा सकता है। इसके अलावा, रिजिजू ने ही पहली बार इसकी सूचना दी थी कि पीएलए ने इस बात की पुष्टि की है कि युवक सीमा पार चीन में पाए गए हैं।