
उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के आगरा( AGRA) में एससी/एसटी कानून का दुरुपयोग कर भरी दलित पंचायत में पूर्व सैनिक(Ex- Paratrooper ) को अपमानित किया गया फिर असकी पत्नी को जिंदा जला दिया गया।जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गयी ।
घटनाक्रम के अनुसार आगरा के थाना ताजगंज क्षेत्र के पुष्पांजलि ईको सिटी कॉलोनी में भारतीय सेना (Indian Army ) के 23 पैरा ( 23 PARA ) के सेवानिवृत्त हवलदार ( Ex – Paratrooper ) अनिल कुमार राजावत रहते है।अनिल के जुड़वां बेटे आठ साल का आयुष और पियूष नौ अक्तूबर कॉलोनी के ही भरत खरे का दस साल का बेटे बिट्टू साथ खेल रहे थे। पियूष और बिट्टू में झगड़ा हो गया। पियूष ने पत्थर उठाकर मार दिया। बिट्टू के चोट लग गई। जिसके बाद बिट्टू की मां सुनीता और पूर्व सैनिक संगीता की पत्नी में कहासुनी हो गई।मासूम बच्चों के इस मामूली से झगड़े को पड़ोसी ने दलित उत्पीड़न ( अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम ) से जोड़ दिया भरत खरे ने थाना ताजगंज में सेना के रिटायर्ड हवलदार के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करा दिया ।
आगरा, पुलिस ने भी जल्दबाजी की,बिना जांच के पुलिस सेना के पूर्व हवलदार( Ex – Paratrooper ) को उठा ले गयी । अनिल को एकता चौकी पर सुबह 11 बजे से रात दस बजे तक बैठाकर रखा। इससे अनिल और संगीता तनाव में आ गए। उन्हें लगा कि पुलिस जेल भेज देगी। कॉलोनी के लोग जब चौकी पर गए, तब अनिल को छोड़ा गया।
पूर्व सैनिक( Ex – Paratrooper ) के परिजन शिवराम ने बताया है कि समझौते के लिए रविवार शाम कॉलोनी में पंचायत हुई थी। भरत खरे की ओर से बुलाई पंचायत में कॉलोनी के 15 लोग और उसके 15 रिश्तेदार भी थे। उन्होंने आरोप लगाया कि भरत ने समझौते के लिए पहले दस लाख रुपये मांगे, बाद में पांच लाख रुपये देने की कहने लगा।एक लाख रुपये तक देने के लिए कहा लेकिन वह तैयार नहीं हुआ। इसमें पूर्व सैनिक अनिल कुमार राजावत व उसकी पत्नी संगीता को माफी मांगने पर मजबूर किया गया।एससी/एसटी एक्ट का झूठ मुकद्दमा लिखाने वालों के पैर छुलवाकर मांफी मंगावायी गयी यह नहीं जब पूर्व सैनिक की पत्नी अन्य लोगों पैर छूने से मना किया तो उसे जिन्दा जला दिया।
शिवराम का कहना है कि संगीता मौके से चली गई। पीछे से भरत खरे, उसकी पत्नी सुनीता सहित उनके रिश्तेदार अन्य लोग गए और उन्होंने मिट्टी का तेल संगीता पर डालकर आग लगा दी। चीख-पुकार सुनकर अनिल पहुंचे। उन्होंने रेत डालकर आग बुझाने का प्रयास किया। वह खुद भी झुलस गए। बाद में कॉलोनी के लोगों ने आग बुझाई थी।