
राजस्थान ( Rajasthan ) में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के आह्वान पर गुर्जर आंदोलन( Gujjar protest )शनिवार को सातवें दिन भी जारी रहा।प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक पर कब्जा जमाए रखा हैं।
समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला ने कहा कि अगर सरकार ने आंदोलनकारियों की मांगें नहीं मानीं तो नौ नवंबर से आंदोलन को तेज करते हुए राज्य भर में चक्काजाम किया जाएगा। सिंकदरा के बावनपाड़ा में गुर्जर समाज के नेताओं के साथ बैठक के बाद कर्नल बैंसला ने आंदोलन को तेज करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा,’नौ नवंबर से आंदोलन ( Gujjar Reservation In Rajasthan )तेज किया जाएगा। अगर मांगे तत्काल नहीं मांगी गईं, तो राज्य भर में चक्का जाम होगा। गुर्जरों की सबसे बड़ी मांग बैकलॉग भर्तियों को पूरा करना व आरक्षण आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को नौकरी है। अगर सरकार हमारी मांगों पर सहमत है तो उसे लिखित में देना चाहिए। बैंसला ने शुक्रवार को सरकार को मांगें मानने के लिये 12 घंटे का अल्टीमेटम दिया था।
उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार मंत्री अशोक चांदना या किसी अन्य प्रतिनिधि को किसी पेशकश के साथ शनिवार तक उनके पास भेजे और जिस पर विचार के बाद आगे के आंदोलन पर फैसला किया जाएगा। हालांकि, शनिवार शाम तक सरकार की ओर से न तो चांदना और न ही कोई अन्य मंत्री गुर्जर नेताओं से मिला।
दोपहर करीब 1 बजे बावनपाड़ा पहुंचे कर्नल बैंसला( Kirori Singh Bainsla )ने बंद कमरे में समाज के पंच पटेलों के साथ आंदोलन ( Gujjar protest )की रणनीति को लेकर चर्चा की। इसके बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए गुर्जर नेताओं ने कहा कि सरकार को 12 घंटे का समय दे रहे हैं। यदि सरकार ने रविवार तक समाज की मांगों को नहीं माना तो सोमवार को बैठक आयोजित कर आंदोलन ( Gujjar protest )की रूपरेखा तय करते हुए आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। समाज के नेताओं ने कहा कि सरकार इस बात को जान ले आंदोलन की वह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।
इससे पहले शनिवार सुबह गुर्जरों ने रेल ट्रैक के साथ-साथ सड़क मार्ग भी जाम कर दिया है। शनिवार को आंदोलनकारी बयाना-हिंडौन सड़क मार्ग पर भी बैठ गए। पत्थर और झाड़ियां डालकर रोड को बंद कर दिया। इससे दोनों ओर से आने वाले वाहन चालकों को बेहद परेशानी हुई। उन्हें वापस लौटना पड़ा। सड़क जाम कर देने से हिंडौन से भरतपुर जाने वाले लोगों को अब महवा-छोकरवाड़ा मार्ग से जा रहे हैं।