पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों( Assembly Elections 2021) की तारीखों का ऐलान शुक्रवार को हो गया। ये राज्य पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी हैं। चुनाव शेड्यूल के मुताबिक अरब सागर से गंगा सागर तक 62 दिन का चुनावी त्योहार चलेगा। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ( Chief Election Commissioner Sunil Arora )ने बताया कि पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 8 फेज में चुनाव होंगे। असम में 3 फेज में और बाकी तीनों राज्यों में सिंगल फेज में चुनाव होंगे। वोटिंग की शुरुआत पश्चिम बंगाल और असम विधानसभा चुनावों ( Assembly Elections )से होगी। इन दोनों राज्यों में पहले फेज की वोटिंग 27 मार्च को होगी। पांचों राज्यों में वोटों की गिनती 2 मई को होगी।
सबसे पहले बात करते हैं बंगाल की, जिसकी इस बार सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, क्योंकि यहां तृणमूल का सीधा मुकाबला भाजपा से है। बंगाल में पहले फेज की अधिसूचना 2 मार्च को जारी होगी
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु में एक ही चरण में छह अप्रैल को मतदान होगा। असम में पहला चरण 27 मार्च, दूसरा 01 अप्रैल और तीसरा 06 अप्रैल को होगा। वहीं पश्चिम बंगाल में चुनाव के आठ चरण होंगे। पहला चरण 27 मार्च, दूसरा 01 अप्रैल, तीसरा 06 अप्रैल, चौथा 10 अप्रैल, पांचवां 17 अप्रैल, छठवां 22, सातवां 26 और आठवें चुनाव का चरण 29 अप्रैल को पूरा होगा। इस तरह से चारों केन्द्र शासित और एक केन्द्र शासित प्रदेश की मतगणना दो मई को होगी। गौरतलब है कि पुडुचेरी में हाल में ही अल्पमत में आने के बाद मुख्यमंत्री वी नारायण सामी ने पद से इस्तीफा दे दिया था और अब वहां भी चुनाव कराने की घोषणा हो गई है।
विधानसभा चुनावों ( Assembly Elections ) की तारीखों के ऐलान से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा( Chief Election Commissioner )ने बताया कि 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों, विकलांग लोगों, जरूरी सेवाओं में लगे जिन लोगों की स्थानीय चुनाव अधिकारी पहचान करेंगे, वे पोस्ट बैलट से मतदान कर सकेंगे। सभी चुनाव अधिकारियों का कोरोना वैक्सीनेशन होगा। वोट डालने का समय 1 घंटा ज्यादा होगा। अरोड़ा के मुताबिक 5 राज्यों में 824 विधानसभा सीटें हैं। इनके लिए इस बार 18.68 करोड़ वोटर हैं और 2.7 लाख मतदान केंद्र होंगे।
बतौर चुनाव आयुक्त 11 चुनाव और बतौर मुख्य चुनाव आयुक्त 14 चुनाव देख चुके अरोड़ा 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं। उन्होंने एक शेर भी पढ़ा- किसी से हमसुखन होता नहीं महफिल में परवाना, उन्हें बातें नहीं आती, जो अपना काम करते हैं।