राजस्थान ( Rajasthan ) के बाड़मेर( Barmer )के कोतवाली इलाके में दबंगों और पुलिस के जुल्म से परेशान हो एक कारोबारी( businessman )गणेश कुमार (48) ने घर पर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या (suicide ) कर ली।
बताया जा रहा है कि कुछ समय से वह जमीन विवाद और अपने साथ हुई मारपीट को लेकर आहत था। कारोबारी ने जान देने से पहले सुसाइड नोट भी लिखा है। इसमें उसने लिखा है कि न्याय नहीं मिलने के कारण मैं ये कदम उठा रहा हूं। इतना होने के बाद भी मुझे झूठा बताया गया।बाड़मेर( Barmer )केएसपी से भी न्याय की उम्मीद नहीं है।
कारोबारी गणेश परिवार के साथ बाड़मेर( Barmer )के चौहटन रोड इलाके में रहता था। रविवार देर रात पत्नी और बेटियों के सोने के बाद गणेश ने फांसी लगाकर जान दी। सुबह जब परिवार उठा तो शव लटका देखा। इसके बाद घर में कोहराम मच गया। मौके पर पहुंचे रिश्वतेदारों ने पुलिस को सूचना दी। मृतक से कुछ दिनों पहले जमीन विवाद को लेकर मारपीट भी हुई थी। इसमें एससी-एसटी एक्ट में उसने केस भी दर्ज करवाया था, जिसकी पुलिस जांच कर रही थी।
गणेश के परिवार में उसे मिलाकर कुल पांच लोग थे। इसमें पत्नी मोरुदेवी (40) और तीन बेटियां दुर्गा (14), नवनिधि (10) और परी (5) रविवार को बेडरूम में सो रहीं थीं। वहीं गणेश ड्राइंग रूम में सोया था। पत्नी ने बताया कि रात को बातचीत हुई थी। पुलिस को कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें उसने लिखा है- मुझे न्याय नहीं मिलने के कारण ये कदम उठा रहा हूं। इतना होने के बाद भी मुझे झूठा बताया गया। प्रभावशाली लोग मेरा प्लॉट दबा रहे हैं। माधोसिंह चौधरी व अन्य ने मेरे साथ धोखा कर काम चालू किया। मेरे सिर पर फावड़ा मारा। एसपी साहब से न्याय की उम्मीद नहीं है, फिर भी मैंने FIR दे दी।
इसके बाद सुसाइड नोट में लिखा कि बड़ी जीजी और बड़े जीजा जी मुझे माफ करना, मेरे मकान का ध्यान रखना, मुझे झूठा फंसाया गया है। न्याय दिलवाने में मेरी मदद करें।