राजस्थान ( Rajasthan ) में तीन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव( Assembly bypolls ) के नतीजे आ गए हैं। दो सीट पर कांग्रेस, एक पर भाजपा जीती है। सुजानगढ, सहाड़ा सीट पर कांग्रेस और राजसमंद में भाजपा ने जीत दर्ज की। सहाड़ा से कांग्रेस उम्मीदवार गायत्री त्रिवेदी ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की है, जबकि राजसमंद से भाजपा उम्मीदवार किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति माहेश्वरी की जीत का अंतर सबसे कम रहा है। सुजानगढ़ सीट से कांग्रेस उम्मीदवार मनोज मेघवाल करीब 35,500 वोट के अंतर से जीते हैं। सुजानगढ़ में एक ईवीएम के वोट गिने जाने बाकी हैं, इसलिए यहां के आंकड़े में कुछ बदलाव होगा।
तीनों सीटों पर सहानुभूति की लहर चली है ,तीनों सीटों पर दिवंगत विधायकों के परिजनों को दोनों पार्टियों ने टिकट दिए थे, परिजन तीनों सीटों पर जीतने में कामयाब रहे हैं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि जीत दर्ज करने वाले तीनों विधायक पहली बार चुनावी मैदान में उतरे थे।
विधानसभा उपचुनाव ( Assembly bypolls )में तीनों सीटों पर सहानुभूति कार्ड चला है। पिछले 56 साल के इतिहास में इस बार यह पहला मौका है जब दिवंगत विधायकों के परिवार उपचुनाव जीते हैं। राजस्थान में 1965 से लेकर अब तक हुए उपचुनाव में जब-जब भी दिवंगत नेता के परिजनों को टिकट दिया। वे चुनाव हारते रहे हैं। इस बार 56 साल पुराना मिथक टूट गया है।
राजसमंद सीट पर दिवंगत किरण माहेश्वरी की बेटी और भाजपा उम्मीदवार दीप्ति माहेश्वरी ने कांग्रेस उम्मीदवार तनसुख बोहरा को 5165 वोटों से हराया है। दीप्ति माहेश्वरी को 74,131 वोट मिले जबकि तनसुख बोहरा को 68,966 वोट मिले हैं।
सुजानगढ़ सीट पर दिवंगत कांग्रेस विधायक, मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल के बेटे मनोज मेघवाल ने भाजपा उम्मीदवार खेमराराम मेघवाल को 35,500 वोटों से हराया है। मनोज मेघवाल को 78,842 वोट मिले। भाजपा उम्मीदवार खेमराम मेघवाल को 43,424 वोट और आरएलपी के सोहनलाल नायक को 31993 वोट मिले हैं।
सहाड़ा सीट पर दिवंगत कांग्रेस विधायक की पत्नी गायत्री त्रिवेदी ने भाजपा उम्मीदवार डॉ. रतनलाल जाट को 42,099 वोटों से हराया।गायत्री देवी को 81,252 वोट मिले जबकि उनसे हारे रतनलाल जाट को 39052 और आरएलपी उम्मीदवार बद्रीलाल जाट को 12,175 वोट मिले।
चुनाव आयोग के मुताबिक विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव( Assembly bypolls )में तीनों सीटों पर कांग्रेस को सबसे ज्यादा 48.7% वोट मिले। जबकि भाजपा को 37% और निर्दलीय समेत अन्य दलों को 12.93% वोट पड़े हैं। इस बार नोटा का बटन भी काफी वोटर्स ने दबाया। करीब 1.35% वोटर्स ने नोटा को अपना वोट दिया।