उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) एटा (Etah ) में पंचायत चुनाव मतगणना में बेईमानी को लेकर सत्ता पक्ष की चेतावनी के बाद बड़ी कार्रवाई की गई है। सीडीओ सहित तीन अधिकारियों के निलंबन की संस्तुति चुनाव आयोग को भेजी गई है। जिला पंचायत के वार्ड संख्या 10 पर हुई गड़बड़ी का मामला बहुत ज्यादा गरमाया। बिना पूरी गणना के सपा प्रत्याशी को विजयी घोषित कर प्रमाण पत्र दे दिया। बाद में भाजपा के धरना देने के बाद अभिलेख मिलान में भाजपा प्रत्याशी विजयी निकले।
इसे लेकर एटा (Etah ) के भाजपा के सांसद और विधायकों ने गुरुवार को डीएम से मिलकर कार्रवाई की मांग की। डीएम विभा चहल ने रिटर्निंग अधिकारी सीडीओ अजय प्रकाश और सहायक रिटर्निंग अधिकारी डिप्टी सीवीओ डॉ. रामहरि को निलंबित करने और विभागीय कार्रवाई के लिए संस्तुति करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र भेजा है।
इनके अलावा एटा (Etah ) के अलीगंज ब्लॉक पर तैनात रिटर्निंग अधिकारी डिप्टी सीवीओ डॉ. अनिल कुमार के निलंबन और विभागीय कार्रवाई की संस्तुति चुनाव आयोग से की है। ये 3 मई को विजयी प्रत्याशियों को बिना प्रमाण पत्र बांटे और वेबसाइट पर परिणाम अपलोड कराए बिना मतगणना स्थल छोड़कर चले गए थे।
जलेसर ब्लॉक क्षेत्र के अंतर्गत वार्ड 10 पर भाजपा से गजेंद्र पाल और सपा से साधना देवी ने चुनाव लड़ा। मतगणना के बाद जिला मुख्यालय पर बुधवार दोपहर साधना देवी को जीत का प्रमाण पत्र दे दिया गया। गजेंद्र पाल का कहना था कि रिकॉर्ड मिलान में गड़बड़ी हुई है, उनके वोट अधिक थे।
इसे लेकर बुधवार देरशाम जिला पंचायत चुनाव के जिला प्रभारी और एमएलसी धर्मवीर प्रजापति, मारहरा विधायक वीरेंद्र सिंह लोधी, अलीगंज विधायक सत्यपाल सिंह राठौर, जलेसर विधायक संजीव दिवाकर सहित तमाम भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता कलक्ट्रेट में धरना देकर बैठ गए। आधी रात तक यह धरना चला।
प्रशासन ने उनकी मांग मानते हुए इस वार्ड के रिकॉर्ड का दोबारा मिलान आरओ अजय प्रकाश के माध्यम से कराया तो पता लगा कि परिणाम में छह बूथों के मत शामिल ही नहीं थे। इन्हें शामिल कर भाजपा प्रत्याशी 998 मतों से जीत गए। साधना देवी का प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया। भाजपाइयों की मांग थी कि गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।