राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ प्रमुख ( Rashtriya Swayamsevak Sangh) मोहन भागवत ( Mohan Bhagwat) ने गाजियाबाद में पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के सलाहकार रहे डॉ. ख्वाजा इफ्तिखार अहमद ( Dr. Khwaja Iftikhar Ahmed )की किताब ‘वैचारिक समन्वय-एक व्यावहारिक पहल’ रिलीज की। इस किताब में अयोध्या-बाबरी विवाद पर बड़ा खुलासा किया गया है।
पुस्तक विमोचन के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत ( RSS Chief Mohan Bhagwat) ने कहा कि यह साबित हो चुका है कि हम पिछले 40 हजार वर्षों से एक ही पूर्वजों के वंशज हैं। भारत के लोगों का डीएनए एक जैसा है। हिंदू और मुसलमान दो समूह नहीं हैं, एकजुट होने के लिए कुछ भी नहीं है, वे पहले से ही एक साथ हैं।
संघ प्रमुख ने कहा कि कुछ काम ऐसे हैं जो राजनीति नहीं कर सकती। राजनीति लोगों को एकजुट नहीं कर सकती। राजनीति लोगों को एकजुट करने का हथियार नहीं बन सकती है, लेकिन एकता को तोड़ने का हथियार बन सकती है।
मोहन भागवत ( Mohan Bhagwat)ने कहा कि अगर कोई हिंदू कहता है कि यहां कोई मुसलमान नहीं रहना चाहिए, तो वह व्यक्ति हिंदू नहीं है। गाय एक पवित्र पशु है, लेकिन जो लोग गाय के नाम पर दूसरों को मार रहे हैं, वे हिंदुत्व के खिलाफ जा रहे हैं। कानून को बिना किसी पक्षपात के उनके खिलाफ अपना काम करना चाहिए।
संघ प्रमुख ने गाजियाबाद में पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के सलाहकार रहे डॉ. ख्वाजा इफ्तिखार की किताब ‘वैचारिक समन्वय-एक व्यावहारिक पहल’ रिलीज की। इस किताब में अयोध्या-बाबरी विवाद पर बड़ा खुलासा किया गया है।
डॉ. ख्वाजा ने लिखा है कि अगर नेता और बुद्धिजीवी सही तरीके से इस पर बातचीत करते तो ये विवाद पहले ही शांत हो गया होता। उन्होंने लिखा है कि अगर बातचीत से इसका समाधान निकलता तो मुसलमानों को बहुत कुछ मिल सकता था। डॉ. इफ्तिखार अयोध्या के राम मंदिर विवाद में बनाई गई अटल हिमायत कमेटी के अहम सदस्य रहे हैं।
डॉ. इफ्तिखार ने अपनी किताब में RSS को वैचारिक संगठन बताया है। लिखा है कि इसका प्रभाव काफी बड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की गई है। एक पैराग्राफ में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का जिक्र करते हुए बताया गया है कि एएमयू को कट्टरवादी लोग निशाना बनाते रहे हैं, लेकिन इसकी स्थापना के 100 साल पूरे होने पर ऑनलाइन कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने शिरकत करके उन्हें करारा जवाब दिया है।