प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मीडिया पोर्टल ‘न्यूजक्लिक'( Newsclick ) में विदेशी निवेश और 9.59 करोड़ रुपये के मुद्रा शोधन मामले की जांच शुरू कर दी है। ईडी का आरोप है कि पोर्टल में निवेश के लिए कृत्रिम रूप से मूल्य बढ़ाकर निवेश किया गया, जो कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एफडीआई नीति का उल्लंघन है। इस न्यूज पोर्टल का चीन (China ) से संबंध होने का भी पता चला है।
मीडिया पोर्टल में विदेशी निवेश के लिए नियम है कि उसका सीईओ भारतीय होना चाहिए और उसमें जो भी विदेशी कर्मचारी कार्यरत हों, उनकी 60 दिन में सुरक्षा मंजूरी होना चाहिए। जांच एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि चीन में रह रहे विदेशी नागरिक नेविले रॉय सिंघम ने पीपीके न्यूक्लिक ‘( Newsclick ) स्टूडियो प्राइवेट लि. में डब्ल्यूडब्ल्यूएम के जरिए निवेश किया है। सूत्रों का कहना है कि इस पोर्टल में जिस ढंग से विदेशी निवेश किया गया है, उससे न्यूज पोर्टल में विदेशी दखल का अंदेशा है। सिंघम श्रीलंका मूल के कारोबारी हैं।
बता दें, सरकार ने सितंबर 2019 में डिजिटल मीडिया में 26 फीसदी तक विदेशी निवेश की इजाजत दी थी। इसके लिए सरकारी मंजूरी जरूरी है। जिनमें इससे ज्यादा विदेशी निवेश था, उन्हें घटाकर 26 फीसदी के दायरे में लाना था।
जांच में पता चला कि कारोबारी नेविले रॉय सिंघम पीपीके न्यूक्लिक के मुख्य निवेशक हैं और उन्होंने 28.46 करोड़ रुपये पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्रालि में निवेश किए हैं। यह राशि विदेशों से 2018 से 2021 के बीच प्राप्त की गई।
सिंघम कम्युनिस्ट पार्टी आफ चायना (CPC) के प्रोपेगेंडा से जुड़े रहे हैं। इसलिए ईडी इस मामलें में ‘संदिग्ध धन, संदिग्ध चरित्र व चीन के कनेक्शन’ का शक है, इसकी जांच की जा रही है।
दिल्ली पुलिस ( Delhi Police ) के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने इस मामले में सबसे पहले केस दर्ज किया था। इसी आधार पर ईडी ने इस साल फरवरी में न्यूजक्लिक ‘( Newsclick ) के परिसरों पर छापे मारे थे। आरोप है कि पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्रालि. ने मेसर्स वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स एलएलसी यूएसए के जरिए वर्ष 2018—19 में 9.59 करोड़ रुपये का एफडीआई प्राप्त किया था। यह निवेश कंपनी के शेयर के दाम कृत्रिम रूप से बढ़ाकर किया गया। न केवल शेयरों का मूल्य बढ़ाकर निवेश किया गया, बल्कि निवेश की गई राशि की हेराफेरी व बेजा इस्तेमाल भी किया गया। सिंघम की कंपनी है वर्ल्डवाइड मीडिया हॉलिडे एलएलसी (WWM)। यह अमेरका के डेलावेयर में पंजीकृत है। इसने न्यूजक्लिक में निवेश किया और चीन की सीपीसी ने इसके जरिए अपना पैसा लगाया।
न्यूजक्लिक ‘( Newsclick ) ने एल्गार परिषद केस के आरोपी गौतम नवलखा को फंडिंग की थी। ईडी के अनुसार नवलखा ने कथित तौर पर 20.53 लाख रुपये न्यूजक्लिक से प्राप्त किए थे। इसी तरह बप्पादित्या सिन्हा, जो कि कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया (माओवादी) के आईटी सेल के सदस्य हैं, को भी 52.09 लाख रुपये दिए गए थे।
अब भाजपा ने न्यूज पोर्टल न्यूजक्लिक पर विदेशों से करोड़ों रूपयों की फंडिंग के आरोप लगाए हैं।रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है, “पोर्टल को विदेशों से फंडिंग किए जा रहे हैं। न्यूजक्लिक खास एजेंडे के तहत देश में काम कर रहा है।”
आगे भाजपा ने आरोप लगाते हुए कहा है, “ये पोर्टल विदेशी टूलकिट का हिस्सा है। देश में अराजकता फैलाने की साजिश है और इसी के लिए न्यूजक्लिक की तरफ से काम किया जा रहा है।विदेशों से आए फंडों का देश के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है।”
संबित पात्रा ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है, “2014 में जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार देश में बनी है। कुछ घरेलू नेताओं की आंखों में पीएम मोदी खटक रहे हैं। अब कुछ विदेशी ताकतों की आंखों में भी पीएम खटक रहे हैं।”