
उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) में कुछ दिन पहले एटा( Etah ) में सरकारी वकील अधिवक्ता राजेंद्र शर्मा के साथ पुलिस की बर्बरता की तस्वीरें वकील भूल नहीं पाये थे ,अब प्रयागराज (Prayagraj ) में सरकारी वकील पंकज सिंह के साथ पुलिस बर्बरता खबर है ।राज्य विधि अधिकारी पंकज सिंह को बिना किसी ठोस वजह के और बिना जांच के मारते पीटते थाने में बंद करने की घटना पर हाई कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने के बाद एसएसपी प्रयागराज ने सब इंस्पेक्टर संजीव कुमार सहित पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है।
प्रयागराज (Prayagraj ) में राज्य विधि अधिकारी पंकज सिंह के साथ हुई इस घटना की जानकारी होने पर अपर शासकीय अधिवक्ता संजय सिंह ने इस घटना की शिकायत एसएसपी से की थी तथा कोर्ट को भी अवगत कराया था। अधिवक्ता पंकज सिंह टैगौर टाउन के शिवम विहार अपार्टमेंट में रहते हैं। वो बिल्डिंग सोसायटी के सचिव भी हैं। संजय सिंह बताते हैं कि उन्हीं के बिल्डिंग में संतराम यादव का एक फ्लैट है। जिसमें काफी समय से ताला बंद है। 19 सितंबर को कुछ लड़के और लड़कियां उस फ्लैट में किराए पर रहने के लिए आए ।रात लगभग 12 बजे वह लोग फ्लैट में हल्ला गुल्ला करने लगे तो बिल्डिंग में रहने वाले अन्य लोगों ने उन से इसकी शिकायत की। जिस पर उन्होंने शोर मचा रहे लड़के लड़कियों से ऐसा करने का कारण पूछा तो वो लोग उनसे उलझ गए। इस पर विवाद हो गया।
इसी बीच किसी ने जॉर्ज टाउन थाने पर फोन करके पुलिस बुला ली। आरोप है कि सब इंस्पेक्टर संजीव कुमार अपने साथ चार कांस्टेबल लेकर के आए और बिना बात को पूरी तरीके से समझे पंकज सिंह को पीटना शुरू कर दिया। उनको पीटते व गालियां देते हुए घसीट कर थाने ले गए और लॉकअप में बंद कर दिया। उनको सुबह छोड़ा गया।
संजय सिंह ने इसकी शिकायत एसएसपी से की थी। जिस पर एसएसपी ने क्षेत्राधिकारी आस्था जायसवाल को मामले की जांच सौंपी। बिल्डिंग में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज और जांच में यह साबित हो गया कि पंकज सिंह द्वारा लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया सही है। रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी ने उप निरीक्षक संजीव कुमार, हेड कांस्टेबल जयप्रकाश मिश्रा, कांस्टेबल अनुज, राधेश्याम साहनी और रणविजय सिंह को निलंबित कर विभागीय जांच बैठा दी है।
प्रयागराज (Prayagraj ) एसपी सिटी ने बुधवार को हाईकोर्ट में उपस्थित होकर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ की गई कार्रवाई से अदालत को अवगत कराया। उधर पंकज सिंह का कहना है की पुलिस पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से ऐसा लगता है कि उपद्रव करने वालों की उनसे पहले से सांठगांठ थी और सब कुछ किसी वजह से सोच समझ कर के किया गया है।
विदित रहे इससे पूर्व जनवरी माह में इसी तरह की घटना एटा( Etah ) में सरकारी वकील राजेन्द्र शर्मा के साथ घटित हुई थी जिसमें वकील को घर से घसीट कर पीटते हुये ले जाती पुलिस की तस्वीरें आयी थी जिसके बाद पूरे प्रदेश आन्दोलन हुआ था।