राजस्थान ( Rajasthan ) के उदयपुर (Udaipur ) के मां गायत्री नर्सिंग कॉलेज( Maa Gayatri BSC Nursing College ) में एमबीबीएस परीक्षा के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी करण सिंह एंव उसके सहयोगी को पुलिस ने एमबीबीएस परीक्षा के पेपर लीक करने व उसे बेचने के मामले में गिरफ्तार किया है।
उदयपुर (Udaipur ) के मां गायत्री नर्सिंग कॉलेज का वाइस प्रिंसिपल व परीक्षा का नोडल अधिकारी और नर्सिंग कर्मी यह पूरा खेल एग्जाम से 30 मिनट पहले चला रहे थे। कॉलेज के प्रिंसिपल की शिकायत पर उदयपुर की हिरणमगरी पुलिस ने दोनों को धर दबोचा। जांच में दोनों की आपस में पेपर की डील की चैट भी सामने आई है।
थानाधिकारी रामसुमेर मीणा ने बताया कि उमरड़ा स्थित मां गायत्री नर्सिंग कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल करण सिंह और एक निजी हॉस्पिटल के कंपाउंडर अजीत सिंह नकल करवाते थे। करण सिंह उसी कॉलेज में एग्जाम कोऑर्डिनेटर भी था। यूनिवसिर्टी से ऑनलाइन पेपर मिलने के बाद ओटीपी डालकर अपने कॉलेज में स्टूडेंन्ट्स तक लिफाफे में पेपर बांटने की जिम्मेदारी बतौर एग्जाम कॉर्डिनेटर उसके पास ही थी।
पेपर आउट किए जाने को लेकर इसी कालेज के प्राचार्य बांसवाड़ा निवासी गौरव पाठक को संदेह हुआ।उन्होंने जिला पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार को दी शिकायत में बताया कि उनके कालेज में दस जनवरी से लेकर 27 जनवरी तक एमबीबीएस प्रथम और द्वितीय वर्ष की परीक्षा हुई। उन्हें शंका है कि उनके कालेज में परीक्षा के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी करण सिंह पेपर आउट कर सौदेबाजी में लगा हुआ है।
इस मामले को उदयपुर (Udaipur )पुलिस अधीक्षक ने गंभीरता से लिया तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर अनंत कुमार, उदयपुर ईस्ट के उप अधीक्षक जनरैल सिंह तथा हिरणमगरी थानाधिकारी रामसुमेर मीणा को जांच करने को कहा। जांच में शिकायत के पुष्टि होने पर पुलिस ने आरोपित करण सिंह तथा उसके मित्र अजय सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की। जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि वह पेपर पेपर आउट करने के बाद बेचते थे। इसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 120 बी तथा आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत मामला किया गया है।
आरोपी करण सिंह यूनिवसिर्टी से ऑनलाइन पेपर मिलने के बाद ओटीपी डालकर डाउनलोड करता। उसे अपने साथी अजीत सिंह को वाट्सएप के जरिए भेजता। करण सिंह के पास कॉलेज में स्टूडेंन्ट्स तक लिफाफे में पेपर बांटने की जिम्मेदारी भी थी। उसे एग्जाम कॉर्डिनेटर बनाया हुआ था। इसी की आड़ में वह अपने साथी के साथ मिलकर परीक्षा से पहले 10-15 हजार रुपये में स्टूडेंन्ट्स को पेपर और नकल सामग्री बेचता था।