राजस्थान ( Rajasthan )के बीकानेर ( Bikaner ) में चल रहे तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव ( International Camel Festival) का विश्व प्रसिद्ध अग्नि नृत्य के साथ समापन हो गया। इस दौरान धधकते अंगारों पर लोग चले और डांस भी किया। डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में आयोजित समापन समारोह में बीएसएफ, आर्मी और आरएसी के बैंड ने सुमधुर स्वरलहरियां बिखेरी।
बीकानेर में अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव ( International Camel Festival) में तीसरा दिन जसनाथ समाज के नाम रहा। करीब 500 वर्ष से यह समाज परंपरानुसार धधकते अंगारों पर डांस और अन्य कलाबाजी करता आ रहा है। फेस्टिवल के अंतिम दिन समाज के युवकों के साथ बुजुर्गों ने भी हैरतअंगेज कला का प्रदर्शन किया। बीकानेर के साथ दिल्ली व अन्य कई शहरों में भी इस कला का प्रदर्शन किया जाता रहा है।
मुंह में जलता हुआ अंगारा लेकर युवक ने करतब दिखाए। युवक की इस कला को देख लोग हैरान रह गए। हैरतअंगेज करने वाला करतब दिखा युवक पर्यटकों की खूब तालियां बटोरी।बीएसएफ के जवानों ने कैमल टेटू और एक्रोबेटिक शो का प्रदर्शन किया तो वहां मौजूद हजारों लोगों ने जमकर तालियों बजाई। ऊंट पर सवार जवानों ने कई तरह के हैरतअंगेज प्रदर्शन किया। बैंड ने देश भक्ति और संस्कृति से ओतप्रोत गीतों की धुनें बजाई।
अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव ( International Camel Festival)बीएसएफ के सजे-धजे ऊंट लोगों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। बीएसएफ के जवानों के साथ ऊंटों पर सवार रौबीलों का अंदाज देखते ही बन रहा था। जवानों को देख लोगों में भी काफी उत्साह नजर आया। महोत्सव में डीग-भरतपुर के जितेंद्र एंड पार्टी ने मयूर नृत्य और बृज होली की प्रस्तुति के साथ फाल्गुनी बयार बिखेरी। इस नृत्य ने दर्शकों का मन मोह लिया और काफी देर तक तालियां गूंजती रहीं।
जोधपुर के कालूनाथ एवं पार्टी ने कालबेलिया नृत्य, इन्दौर के कृष्णा सूर्या ने ओह री सखी मंगल गाओ री, अलवर के बन्ने सिंह एंड पार्टी ने रिम भवई और खारी नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी। इससे पहले डबड़ी (जैसलेमर) के सूफी गायक सावण खां एंड पार्टी ने सूफी गीतों की प्रस्तुति भी दी थी।
महोत्सव के आखिरी दिन महिलाओं की मटका दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। सिर पर मटका उठाए दौड़ती महिलाओं के साथ संगीत की धुन का संगम देखते ही बन रहा था। इस प्रतियोगिता में आयुषी लढ्ढा प्रथम, मैना चौधरी द्वितीय और तरन्नुम बानो ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इसके बाद महिलाओं और युवतियों के बीच रस्साकस्सी प्रतियोगिता भी आयोजित की गई।
इन सभी कार्यक्रम के बाद मंगलवार को तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव का समापन हो गया। तीन दिन तक बीकानेर में महोत्सव को लेकर काफी उत्साह देखा गया। हालांकि, कोरोना संक्रमण के कारण विदेशी पर्यटकों की संख्या इस बार काफी कम रही।