Sunday, May 04, 2025

Crime, Education, INDIA, News, Rajasthan, States

Rajasthan: 80 एकड़ जमीन पर “गुरुकुल विश्वविद्यालय”होने की फर्जी रिपोर्ट देने वाली कमेटी में शामिल एमएल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के कुलपति अमेरिका सिंह सहित सभी सदस्यों के विरुद्ध एफआईआर

FIR Against ML Sukhadia Univ VC Prof Amarika Singh,Four Others

 के  ) में निजी “गुरुकुल विश्वविद्यालय” से जुड़े मामले में अब राज्य सरकार ने   के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अमरिका सिंह(  Prof Amarika Singh  ) सहित पांच लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया है। झूठे शपथ पत्र पेश किए जाने सहित सरकार को गलत जानकारी देने पर उनके खिलाफ जयपुर के अशोक नगर थाने में आईपीसी की धारा 167, 420, 467, 468, 471 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। ऐसे में उन पर निलंबन का खतरा लटका हुआ है। राज्य सरकार ने कुलपति अमरिका सिंह के निलंबन को लेकर राज्यपाल को पत्र भी भेजा है। ऐसे में माना जा रहा है कि प्रो. अमरिका का निलंबन आदेश कभी भी आ सकता है।

राजस्थान विधानसभा में एक ऐसी यूनिवर्सिटी खोलने का बिल पेश कर दिया गया जो हकीकत में है नहीं। मामला सीकर में गुरुकुल यूनिवर्सिटी नाम से निजी विश्वविद्यालय के खोले जाने का है। सदन में बहस के लिए बिल की लिस्टिंग तक हो चुकी थी। तभी अचानक पता चला कि इस यूनिवर्सिटी का तो हकीकत में कोई अस्तित्व ही नहीं है। इसके बाद आनन-फानन में गहलोत सरकार ने बिल वापस लिया और उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए।

यह बिल फरवरी महीने की 24 तारीख को विधानसभा में पेश किया गया था। बिल के मुताबिक गुरुकुल यूनिवर्सिटी 80.31 एकड़ में फैली हुई है। बताया गया कि इसमें 28 प्रशासनिक ब्लॉक्स, 155 एकेडमिक ब्लॉक्स और 38 प्रयोगशालाएं हैं। यह भी दावा किया गया कि इस यूनिवर्सिटी में हेल्थकेयर, पावर बैकअप और क्लासरूम में प्रोजेक्टर्स भी लगे हैं। इसके अलावा 50 हजार किताबों वाली एक लाइब्रेरी, जिसमें 36 अखबारों और मैगजीन्स का सब्सक्रिप्शन होने के साथ 56 फिजिकल और 23 ई-जॉर्नल हैं। इंडोर और आउटडोर खेल की सुविधा है। साथ ही 24811.46 वर्गमीटर के कुल क्षेत्र में बना हुआ एक आवासीय ब्लॉक होने की बात भी कही गई।

गुरुकुल यूनिवर्सिटी से जुड़े मामले में अब सरकार को गलत रिपोर्ट देने पर उच्च शिक्षा विभाग ने मुकदमा दर्ज करवाया है। उच्च शिक्षा विभाग ने एमएल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के कुलपति अमेरिका सिंह सहित जांच कमेटी में शामिल सभी मेंबर्स के खिलाफ अशोक नगर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है। राजस्थान सरकार शिक्षा विभाग (ग्रुप-4) संयुक्त सचिव फरोज अख्तर की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया।

इस मामले में गुरूकुल शिक्षण संस्थान सीकर के फाउंडर ट्रस्टी रणजीत सिंह, मोहन लाल सुखाड़िया यूनिवसिर्टी उदयपुर के कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह(  Prof Amarika Singh  ) , अलवर लॉ कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विजय बेनीवाल, राजस्थान यूनिवसिर्टी जयपुर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. जयंत सिंह और मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवसिर्टी उदयपुर के डीन प्रोफेसर घनश्याम सिंह राठौड़ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।

रिपोर्ट में बताया कि 12 मार्च 2021 को फाउंडर ट्रस्टी रणजीत सिंह ने यूनिवसिर्टी बनाने के लिए विभाग को आवेदन शुल्क के साथ प्रस्ताव दिया था। प्रस्ताव मिलने के बाद विभाग के आदेश पर प्रो. आई.वी.त्रिवेदी, कुलपति गोविन्द गुरु जनजातीय यूनिवसिर्टी बांसवाड़ा के संयोजन में समिति गठित की गई। 19 जून को दी गई रिपोर्ट में कमेटी की ओर से अनुशंषा की गई। विभाग की ओर से रिपोर्ट पर 2 जुलाई को LOI (लेटर और इंटेंट) जारी किया गया। संस्था की ओर से सीकर में 80.31 एकड़ जमीन 10 हजार वर्ग मीटर की कहा गया।

राज्य सरकार के आदेश से 29 सितम्बर को प्रोफेसर अमेरिका सिंह (  Prof Amarika Singh  ) के संयोजन में 4 सदस्यों की सत्यापन समिति का गठन किया गया। समिति ने 3 अक्टूबर को सत्यापन कर प्रमाणित कर राज्य सरकार को गलत रिपोर्ट दी। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार 22 मार्च को विधानसभा में गुरुकुल यूनिवर्सिटी का बिल लाई। इसी दौरान संज्ञान में आया कि जमीन पर यूनिवर्सिटी स्थापित की जानी है। वहां वर्तमान में भवन उपलब्ध नहीं है। जबकि समिति की ओर से जमीन पर भवन उपलब्ध होने के तथ्य प्रमाणित किए थे। 25 मार्च को संभागीय आयुक्त जयपुर दिनेश कुमार यादव की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया गया। जांच में गठित टीम की ओर से कई गलत तथ्य मिले है।

गुरुकुल यूनिवर्सिटी का 22 मार्च को विधानसभा में बिल पारित होना था। बिल पारित होने से ठीक पहले सरकार तक गड़बड़ी की शिकायत पहुंच गई। उसी दिन उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने यूनिवर्सिटी के फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए सदन में मामला उठाया। सरकार ने यह मामला उठने के बाद गुरुकुल यूनिवर्सिटी के बिल को वापस ले लिया। संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में जाचं कमेटी बना दी। जांच कमेटी ने भी फर्जीवाड़े की पुष्टि की। जिसके बाद कमेटी में शामिल तीन मेंबर्स को सस्पेंड कर दिया गया था। अब उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है।

Jaba Upadhyay

Jaba Upadhyay is a senior journalist with experience of over 15 years. She has worked with Rajasthan Patrika Jaipur and currently works with The Pioneer, Hindi.