आगरा (Agra ) में यूपी वाणिज्य कर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। वाणिज्य कर विभाग की टीमों ने एक साथ पान मसाला (Pan Masala ) कारोबारियों गोल्ड मोहर गुटखा के सरीन एंड सरीन के पांच ठिकानों सहित विमल और राजश्री पान मसाला विक्रेताओं के करीब 26 ठिकानों पर छापा मारा है। सभी ठिकानों पर विभाग के अधिकारी एसजीएसटी की जांच में जुटे हैं। दस्तावेज खंगाल रहे हैं।
विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा (एसआईबी) ने 19 फर्मों के 26 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा, इसके लिए 24 टीमें बनाई गईं थीं।
वाणिज्य कर विभाग के एडीशनल कमिश्नर एके सिंह ने बताया कि मुख्यालय से मिले निर्देशों के तहत गुटखा और पान मसाला निर्माताओं, वितरकों पर कार्रवाई की गई है। जिन 19 फर्मों पर छापेमारी की गई है, उनमें से तीन बड़े निर्माता हैं। गोल्ड मोहर बनाने वाली कंपनी सरीन एंड सरीन, जीत इंडिया और आरएनआर गुटखा कंपनी पर छापेमारी बुधवार देर रात तक जारी रही।
यूपी वाणिज्य कर विभाग की टीम पान मसाला (Pan Masala ) कारोबारियों के कागजातों, माल और लेनदेन की जांच के साथ कंपनियों के मालिकों से पूछताछ की जा रही है। बताया गया है कि टैक्स चोरी और कम टर्नओवर दिखाने जैसी शिकायतों पर पान मसाला विक्रेताओं के ठिकानों पर छापा मारा गया है। कई ठिकानों पर कर्मचारियों के फोन और कंप्यूटर-लैपटॉप भी जांच टीम ने कब्जे में लिए हैं।
यूपी वाणिज्य कर विभाग विभाग की टीमों ने जब पान मसाला (Pan Masala )गोल्ड मोहर गुटखा की फैक्टरी और गोदाम पर छापा मारा तो आसपास के बाजारों और कारखानों में हड़कंप मच गया। टीमों ने शहर के फ्रीगंज स्थित गोदाम के अलावा देहात में अछनेरा, रायभा, पिनाहट में गोदामों और दुकानों पर छापे मारे हैं। माना जा रहा है कि जांच में वक्त लग सकता है।
एक अधिकारी ने बताया कि गुटखा निर्माता के कागाजातों को चेक किया गया। देखा गया कि खरीदा गया कच्चा माल कितना था। क्या निर्माता ने इसके अनुसार ही जो माल तैयार किया गया है, वह विभाग के अभिलेखों में दर्शाया है या नहीं। उन्होंने बताया कि वितरकों के यहां भी टैक्स के बिल देखे जा रहे हैं। इनकी जांच की जा रही है।
गुटखा कारोबारियों पर छापेमारी में वाणिज्य कर विभाग/स्टेट जीएसटी की टीम को पता चला कि निर्माता अपना कच्चा माल उन फर्मों से ज्यादा मंगवा रहे हैं, जो छोटी हैं और पंजीकृत नहीं हैं। माल की बिक्री भी छोटी फर्मों को ज्यादा की जा रही है। इनमें से एक से दो साल के अंदर फर्में बंद भी हो रही हैं। विभागीय अधिकारियों को आशंका है कि निर्माता फर्जी फर्म से माल मंगवा कर उन्हीं को बेच रहे थे।
जांच टीम ने कार्रवाई के दौरान कई फर्म बंद मिलीं, जिनके नाम से बिल जारी किए गए। जांच में भारी अनियमितताएं पाई गईं। जांच का यह पहलू भी है कि जितना कच्चा माल खरीदा गया, क्या उसके सापेक्ष तैयार माल को विभागीय एंट्री में दर्शाया गया कि नहीं।