जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के संस्थापक प्रोफेसर भीम सिंह (Prof. Bhim Singh) का निधन हो गया है। उन्होंने मंगलवार की सुबह जम्मू के बख्शी नगर अस्पताल में अंतिम सांस ली। भीम सिंह कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उनकी उम्र 81 साल थी।
उनके निधन पर राजनीतक गलियारे में शोक की लहर छा गई। प्रो. भीम सिंह(Prof. Bhim Singh) छात्र जीवन से ही सक्रिय राजनीति में शामिल थे। बाद में वह जम्मू के हक की मजबूत आवाज बने। उन्होंने अपने बल पर अपनी विशेष पहचान बनाई।
प्रो. भीम सिंह (Prof. Bhim Singh)जम्मू कश्मीर विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। वह एक बार सांसद भी रहे थे। पैंथर्स पार्टी के गठन से पहले वह कांग्रेस पार्टी में थे। वर्ष 1977-78 के दौरान इंडिया यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे थे। प्रो. भीम सिंह की पत्नी का नाम जयमाला है। उनका एक पुत्र है जो विदेश में रहता है।
प्रोफेसर भीम सिंह (Prof. Bhim Singh)का जन्म 1941 में जम्मू के रामनगर इलाके में हुआ था। वह जम्मू और कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी (JKNPP) के संस्थापक और अध्यक्ष थे। यह एक राजनीतिक संगठन है जो जम्मू और कश्मीर में में व्यापक तौर पर बदलाव का हिमायती था। उन्होंने 23 मार्च 1982 में पैथर्स पार्टी की स्थापना की थी। करीब 30 साल तक वह पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष रहे। 2012 में उन्होंने अध्यक्ष पद छोड़ दिया था।
कहा जाता है कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के शहीदी दिवस पर जनता को न्याय-अधिकार दिलाने के लिए पार्टी का गठन किया था। प्रोफेसर भीम सिंह काफी चर्चा में रहे थे। पैंथर्स पार्टी के प्रमुख के रूप में उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी का मामला पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट में लड़ने के लिए फ्री में सहायता की पेशकश की थी।
उससे पहले प्रो. भीम सिंह ने पूर्व पाकिस्तानी पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो, इराकी राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन और युगोस्लाविया के राष्ट्रपति स्लोबोदान मिलोसेविच का भी केस लड़ने की पेशकश की थी।
Jammu and Kashmir National Panthers Party founder and senior leader Bhim Singh passes away in Jammu.
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— ANI (@ANI) May 31, 2022