पैगंबर मोहम्मद के अपमान का आरोप लगाकर पीएफआई (PFI)के कट्टरपंथी इस्लामी कार्यकर्ताओं ने 12 साल पहले केरल के जिन प्रोफेसर टीजे जोसफ( Prof TJ Joseph) का हाथ काटा था, वे संगठन पर प्रतिबंध लगने पर बोले, मैं कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा हूं। पीएफआई के कई पीड़ित तो आज जिंदा भी नहीं हैं। मैं उन पीड़ितों को याद करते हुए मौन रखना चाहूंगा।
प्रो. जोसफ ( Prof TJ Joseph) ने कहा कि कभी-कभी चुप रहना बोलने से बेहतर होता है। शांत और सरल नजर आ रहे प्रो. जोसफ ने कहा कि एक नागरिक के तौर पर वे केंद्र सरकार की मंशा भली-भांति समझ रहे हैं, पर अभी कोई नजरिया व्यक्त नहीं करना चाहेंगे। वे इस मामले में खुद भी पीड़ित रहे हैं।
एक परीक्षा में पूछे गए सवाल को पैगंबर का अपमान बताते हुए तोडुपुजा के न्यूमन कॉलेज( Newman College )में मलयालम साहित्य के पूर्व प्रोफेसर टीजे जोसफ ( Prof TJ Joseph) पर जुलाई 2010 में पीएफआई (PFI)के कट्टरपंथियों ने हमला कर उनका बायां हाथ काट दिया था। उस समय वे अपनी मां और बहन के साथ चर्च से घर लौट रहे थे।
इस मामले की जांच शुरू में केरल पुलिस और बाद में एनआईए ने की थी। 2015 में एनआईए अदालत ने मामले में फैसला सुनाया था। वहीं, 2014 में प्रो. जोसफ की पत्नी शालोमी जोसफ ने आत्महत्या कर ली थी।
प्रो. जोसफ ने आत्मकथा, ‘अविस्मरणीय यादें’ लिखी, जिसमें धार्मिक कट्टरता के बेहद भयावह अनुभव दर्ज किए हैं। अपने द्वारा भोगी दुखद घटनाओं का उल्लेख किया। इसे केरल साहित्य अकादमी अवार्ड दिया गया था। साथ ही, अंग्रेजी में ‘अ थाउजेंड कट्स , एन इनोसेंट एंड डेडली आंसर्स’ नाम से अनुवाद किया गया।
Kerala: Professor TJ Joseph, whose hand was chopped off by PFI activists for alleged blasphemy 12 years ago, declines to respond to Centre’s ban on outfit, says observing silence is better at times than always talking
— Press Trust of India (@PTI_News) September 28, 2022