जम्मू-कश्मीर में फिर टारगेट किलिंग का मामला सामने आया है। आतंकियों ने शनिवार को शोपियां ( Shopian) जिले में कश्मीरी पंडित ( Kashmiri Pandit )पर फायरिंग कर दी। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान चौधरी गुंड निवासी कश्मीरी पंडित ( Kashmiri Pandit )पूरन कृष्ण भट के रूप में हुई है। वह सुबह 11 बजे अपने घर के पास बागान में काम के लिए जा रहे थे। इस दौरान आतंकी आए और उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इसके बाद उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने बताया कि हमलावरों को पकड़ने के लिए इलाके की घेराबंदी कर दी गई है।
पूरण कृष्ण भट के रिश्तेदारों का कहना है कि भट के परिवार ने 90 के दशक में जब कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था, तब भी पलायन नहीं किया था। भट के दो बच्चे हैं। बेटी 7वीं में और बेटा 5वीं क्लास में पढ़ता है। घाटी में बढ़ रही हत्याओं की वजह से भट अपने घर से बाहर भी नहीं निकलते थे, घर के अंदर ही रहते थे। उन्होंने बताया- इस घटना के बाद हम सभी बहुत डरे हुए हैं।
जम्मू-कश्मीर एलजी मनोज सिन्हा ने शोपियां में आतंकवादियों द्वारा कश्मीरी पंडित ( Kashmiri Pandit ) की हत्या की निंदा की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “शोपियां में पूरन कृष्ण भट्ट पर आतंकियों का हमला कायरता का कायराना हरकत है। शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। मैं लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि अपराधियों और आतंकवादियों को सहायता और उकसाने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।”
कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति (केपीएसएस) ने इस हमले पर कड़ा रोष जताया है। समिति ने सोशल मीडिया पर लिखा कि शोपियां के चौधरी गुंड में एक और कश्मीर पंडिता की हत्या कर दी गई। 13 अक्टूबर को ट्वीट के बावजूद ग्राउंड जीरो पर कुछ भी नहीं बदला गया है। यह गृह मंत्री अमित शाह को संदेश है कि कश्मीर के हालात 1990 की तरह के हैं।
एक अन्य ट्वीट में समिति ने आरोप लगाया है कि डीसी शोपियां और एसएसपी शोपियां पीड़ित परिवार पर दबाव बना रहे हैं कि वे जल्द से जल्द पीड़ित का अंतिम संस्कार कर दिया जाए। क्योंकि उन्हें घाटी में सामान्य स्थिति दिखानी है।
जम्मू के कनाल रोड को जाम कर पीएम पैकेज के तहत कश्मीरी पंडित ( Kashmiri Pandit ) कर्मचारियों ने शोपियां में आतंकवादियों द्वारा पूरण कृष्ण भट्ट की हत्या के विरोध में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने इस हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि बार-बार सरकार को कह चुके हैं कि घाटी में हालात सामान्य नहीं हैं, लेकिन फिर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि वे करीब पांच महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं और घाटी से बाहर कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को तैनात करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों को बार-बार अनदेखा किया जा रहा है।
जम्मू के रहने वाले और घाटी में कार्यरत आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों ने भी इस हमले पर कड़ा रोष जताया है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह के प्रदेश दौरे के दौरान भी एक बैंक प्रबंधक को निशाना बनाने की कोशिश की गई, लेकिन वह किसी तरह बच निकले थे। हालांकि आज कश्मीरी पंडित पूरण कृष्ण भट्ट आतंकियों की गोली से बच नहीं सके हैं। उन्होंने नारेबाजी करते हुए सरकार से उनके लिए ट्रांसफर पॉलिसी लागू करने की मांग की है।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में लगातार कश्मीरी पंडितों और प्रवासी मजदूरों को निशाना बनाया जा रहा है। इससे पहले 16 अगस्त को शोपियां में एक कश्मीरी पंडित सुनील कुमार भट की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जबकि इस हमले में उनका भाई पिंटू गंभीर रूप से घायल हो गया था।
#Terrorists fired upon a #civilian (minority) Shri Puran Krishan Bhat while he was on way to orchard in Chowdari Gund #Shopian. He was immidiately shifted to hospital for treatment where he #succumbed. Area cordoned off. Search in progress.@JmuKmrPolice
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) October 15, 2022