मुंबई ( Mumbai) के जाने-माने रियल एस्टेट डेवलपर पारस पोरवाल( Paras Porwal )ने गुरुवार को मुंबई में एक इमारत की 23वीं मंजिल से कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। 57 साल के पारस के जिम से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें लिखा है कि उनकी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। इसलिए मामले में किसी को भी परेशान न किया जाए।
पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि मुंबई के चिंचपोकली रेलवे स्टेशन के पास शांति कमल हाउसिंग सोसाइटी में पारस का घर है। आज सुबह करीब 6 बजे उन्होंने अपने घर में बने जिम की बालकनी से छलांग लगा दी। इलाके से गुजर रहे लोगों ने पुलिस को मामले की जानकारी दी।
जानकारी मिलते ही पहुंची पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। शव को फॉरेंसिक जांच के लिए अस्पताल भेजा गया है। पुलिस जांच कर रही है कि पारस ने यह कदम क्यों उठाया।पुलिस ने कहा, जिमनाजियम रूम की जब तलाशी ली गई तब सुसाइड नोट मिला जिसमें यही लिखा था कि इस घटना के बारे में किसी से पूछताछ ना की जाए। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि परिवार अभी गहरे शोक में है इसलिए उनके बयान बाद में दर्ज किए जाएंगे। मुंबई शहर में पोरवाल के कई कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट चल रहे थे।
पोरवाल, जिनकी पहली कंपनी का नाम ओम शांति बिल्डर्स एंड डेवलपर्स था, कई अन्य कंपनियों से जुड़े थे। उनकी लोकप्रिय रियल एस्टेट परियोजनाओं में परेल में वोल्टास टॉवर के पास बावलावाड़ी परियोजना, वडाला में कच्छ खरखाना परियोजना और वर्ली नाका के पास सस्मीरा परियोजना शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि वह वर्तमान में वर्ली में जीजामाता स्लम पुनर्विकास परियोजना को अंजाम दे रहे थे।
राजस्थान के के मूल निवासी पारस पोरवाल ( Paras Porwal )ने अपने शुरुआती साल मुंबई में कालाचौकी के अंबेवाड़ी में एक चॉल में बिताए और स्थानीय ट्रेनों में नकली आभूषण बेचे। वह अपनी विनम्र शुरुआत से उठे और 90 के दशक में शहर के रियल एस्टेट और राजनीतिक हलकों में एक लोकप्रिय चेहरा बन गए।
पोरवाल ने अपने करियर की शुरुआत अन्य डेवलपर्स को फ्लोरिंग टाइल्स उपलब्ध कराने जैसे छोटे निर्माण से संबंधित काम से की थी। उन्हें अपना पहला बड़ा ब्रेक कालाचौकी में पारस गुंडेचा से मिला, जिसके बाद वे एक रियल एस्टेट ब्रोकरेज प्रोजेक्ट में शामिल हो गए, जिससे उन्हें शहर के उभरते रियल एस्टेट उद्योग में पैठ बनाने में मदद मिली।
पारस पोरवाल( Paras Porwal ) ने राजनीति में हाथ आजमाया। 2004 में, पोरवाल ने शिवसेना के बाला नंदगांवकर के खिलाफ समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर कालाचौकी सेवरी निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा, जो बाद में राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना में शामिल हो गए। पोरवाल हार गए।