Sunday, May 04, 2025

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नाथद्वारा में दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा “विश्वास स्वरूपम” का लोकार्पण कल,अद्भुत प्रतिमा का निर्माण 50 हजार लोगों ने 10 साल में पूरा किया

Vishvas Swaroopam

Vishvas Swaroopamदुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा “विश्वास स्वरूपम”( “Vishvas Swaroopam”) में बनकर तैयार हो गई है। शनिवार (29 अक्टूबर) को उसका लोकार्पण समारोह शुरू होने जा रहा है। राजस्थान में जिले के नाथद्वारा में बनी शिव प्रतिमा की ऊंचाई 369 मीटर है।

बता दें कि  शिव प्रतिमा “विश्वास स्वरूपम”( “Vishvas Swaroopam”) को बनाने में 10 साल का समय लगा है। इसे दुनिया की टॉप-5 ऊंची प्रतिमाओं में स्थान मिला है। इसे संत कृपा सनातन संस्थान द्वारा तैयार किया गया है। लोकार्पण समारोह 29 अक्टूबर से शुरू होकर 6 नवंबर तक चलेगा और इसकी शुरूआत मुरारी बापू की राम कथा से होगी।

नाथद्वारा की गणेश टेकरी पर बनी यह प्रतिमा 51 बीघा की पहाड़ी पर बनी है। इस प्रतिमा में भगवान शिव ध्यान एवं अल्लड़ की मुद्रा में विराजित हैं। प्रतिमा की ऊंचाई इतनी है कि जो कई किलोमीटर दूर से ही नजर आने लग जाती हैं। रात में भी यह प्रतिमा स्पष्ट रूप से दिखाई दे, इसके लिए विशेष लाइट्स की व्यवस्था भी की गई है।

369 फीट ऊंची “विश्वास स्वरूपम”( “Vishvas Swaroopam”)  विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा बनने की कहानी भी दिलचस्प है। रिपोर्ट के अनुसार, जब साल 2012 में इस प्रतिमा को बनाने का प्लान तैयार हुआ तो इसकी ऊंचाई 251 मीटर रखने की योजना बनाई गई। लेकिन बाद में निर्माण के दौरान इसकी ऊंचाई 351 मीटर तक पहुंच गई। इसके बाद शिव की जटा में गंगा की जलधारा लगाने की योजना बनाई गई, तो इसकी ऊंचाई 369 मीटर तक पहुंच गई।

इस प्रतिमा में लिफ्ट, सीढ़ियां, हॉल आदि भी बनाए गए हैं। निर्माण कै दौरान 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल हुआ है। 250 किमी रफ्तार से चलने वाली हवाएं भी मूर्ति को प्रभावित नहीं करेगी। स्टैच्यू ऑफ बिलीफ’ की कल्पना मिराज ग्रुप, उदयपुर के चेयरमैन श्री मदन पालीवाल ने की थी। इस अवधारणा को आगे स्टूडियो माटुराम आर्ट द्वारा विकसित किया गया था जिसने 351 फीट ऊंची मूर्ति को डिजाइन किया था, जबकि संरचनात्मक डिजाइन स्केलेटन कंसल्टेंट्स द्वारा प्रदान किया गया था और काम साल 2016 की शुरुआत में शुरू हुआ था।

विश्वास स्वरूपम प्रतिमा को बनने में 10 साल लगे। 50 हजार से ज्यादा लोगों ने ये प्रतिमा बनाई। जिस परिसर में इसे बनाया गया है, उसे तद पदम उपवन नाम दिया गया है। जब भी आप यहां जाएंगे तो आराम से 7 से 8 घंटे बिता सकेंगे।प्रतिमा इतनी विशाल है कि इसे पूरा देखने में कम से कम 4 घंटे लगेंगे।

 

Jaba Upadhyay

Jaba Upadhyay is a senior journalist with experience of over 15 years. She has worked with Rajasthan Patrika Jaipur and currently works with The Pioneer, Hindi.