साहित्य अकादमी ने गुरुवार को साहित्य अकादमी पुरस्कार 2022( Sahitya Akademi Award )की घोषणा कर दी है, हिंदी के लिए बद्री नारायण को साहित्य अकादमी अवॉर्ड दिया जाएगा। बद्री नारायण हिंदी के एक बहुत प्रसिद्ध कवि हैं,उन्हें हिंदी कविता में अपने विशिष्ट योगदान के कारण केदार सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है।
साहित्य अकादेमी द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आज साहित्य अकादेमी पुरस्कार एवं अनुवाद पुरस्कार 2022 की घोषणा की गई। साहित्य अकादेमी के सचिव डॉ. के. श्रीनिवासराव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बताया कि साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2022( Sahitya Akademi Award ) तेईस भारतीय भाषाओं के लिए घोषित किए गए हैं, जिनमें 7 कविता-संग्रह, 6 उपन्यास, 2 कहानी-संग्रह, 2 साहित्यिक समालोचना, 3 नाटक, 1 आत्मकथा निबंध, 1 संक्षिप्त साहित्यिक इतिहास तथा 1 लेख संग्रह की पुस्तक शामिल हैं। पुरस्कारों की अनुशंसा 23 भारतीय भाषाओं की निर्णायक समिति द्वारा की गई तथा साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर कंबार की अध्यक्षता में आयोजित अकादेमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में आज इन्हें अनुमोदित किया गया।
हिंदी के लिए बद्रीनारायण (तुमड़ी के शब्द, कविता-संग्रह), अंग्रेजी के लिए अनुराधा रॉय (ऑल द लाइब्स वी नेवर लिव्ड,उपन्यास), पंजाबी के लिए सुखजीत (मैं अयंघोष नहीं, कहानी-संग्रह) और उर्दू के लिए अनीस अशफ़ाक (ख़्वाब सराब, उपन्यास), पुरस्कृत किए गए हैं।यह पुरस्कार 11 मार्च 2023 को नई दिल्ली स्थित कमानी सभागार में वितरित किए जाएँगे।
साहित्य अकादमी पुरस्कार ( Sahitya Akademi Award )में विजेताओं को एक लाख रुपये नकद राशि और एक ताम्रपत्र दिया जाता है। पुरस्कार की स्थापना के समय पुरस्कार राशि 5 हजार रुपये थी, जो साल 1983 में बढ़ा कर 10 हजार रुपये कर दी गई और साल 1988 में बढ़ा कर इसे 25 हजार रुपये कर दिया गया। इसके बाद साल 2001 से यह राशि 40 हजार रुपये की गई और उसके बाद साल 2003 में यह राशि बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी गई थी। फिर सरकार ने साल 2009 में इस पुरस्कार की राशि को 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया था।