केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने गुवाहाटी ( Guwahati ) में तैनात एक अतिरिक्त मंडल रेल प्रंबंधक (एडीआरएम) को कथित तौर पर रिश्वत देने के आरोपी ठेकेदारों के परिसरों की तलाशी ली। इस दौरान एजेंसी ने 1.28 करोड़ रुपये नकद जब्त किए हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
गुवाहाटी ( Guwahati ) में एडीआरएम जितेंद्र पाल सिंह, एक बिचौलियों और एक हवाला ऑपरेटर सहित छह अन्य को पचास लाख रुपये की घूसखोरी के मामले में पहले गिरफ्तार किया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई (CBI) ने सिलीगुड़ी और कूचबिहार में ठेकेदार विष्णु गुप्ता और उनके भाई सुरेश गुप्ता व एक अन्य ठेकेदार दिलीप घोष के ठिकानों पर छापेमारी की। इसमें उसने 1.28 करोड़ रुपये नकद बरामद किए।
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही कुल जब्ती 1.75 करोड़ रुपये नकद और 50 लाख रुपये रिश्वत की राशि तक पहुंच गई है। भारतीय रेल सेवा के 1997 बैच के अधिकारी जितेंद्र सिंह को उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब हरिओम नाम के एक व्यक्ति को अधिकारी की ओर से कथित तौर पर रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था।
सीबीआई (CBI) ने ने पैसे की व्यवस्था करने वाले ठेकेदार देब और हरिओम के ड्राइवर योगेंद्र कुमार सिंह, दिलावर खान और राष्ट्रीय राजधानी में हवाला की दुकान के कैशियर संजीत रे को भी गिरफ्तार किया है।
जांच एजेंसी ने पाया कि एडीआरएम जितेंद्र पाल सिंह, जब न्यू जलपाईगुड़ी में निर्माण के मुख्य अभियंता के रूप में तैनात थे, तो उन्होंने नियमित रूप से विभिन्न ठेकेदारों से रिश्वत की मांग की और स्वीकार किया।
सीबीआई (CBI) प्रवक्ता ने कहा था, “दिल्ली, नरौरा, गुवाहाटी, सिलीगुड़ी और अलीगढ़ सहित विभिन्न स्थानों पर एडीआरएम और अन्य के परिसरों में तलाशी ली गई, जिसमें लगभग 47 लाख रुपये नकद, लैपटॉप और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।