Saturday, May 03, 2025

Crime, Law, News, Uttar Pradesh

हाथरस कांड में दो साल चली सुनवाई के बाद चारों आरोपी सामूहिक दुष्कर्म केस में बरी,कोर्ट ने सिर्फ़ एक को गैरइरादतन हत्या का दोषी मान उम्रकैद की सजा सुनाई

Hathras rape incident: Court dismisses rape charges, accused Sandeep sentenced to life imprisonment, three acquittedउत्‍तर प्रदेश के  बहुचर्चित   (  )  में गुरुवार को 900 दिन बाद एससी-एसटी अदालत ने फैसला सुनाया है। चारों आरोपी सामूहिक दुष्कर्म केस में बरी कर दिया है।  अदालत ने चार आरोपियों में से सिर्फ़ संदीप ठाकुर को गैरइरादतन हत्या का दोषी  मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये का दंड लगाया। जबकि तीन अन्य आरोपियों लवकुश सिंह, रामू सिंह और रवि सिंह को बरी कर दिया। अदालत ने संदीप को गैर इरादतन हत्या (धारा-304) और एससी/एसटी एक्ट में दोषी माना।

वहीं, पीड़ित पक्ष के वकील महीपाल सिंह निमहोत्रा ने कहा कि न्यायालय के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। सीबीआई ने सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामलों में चार्जशीट दाखिल की था। बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड ने न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश में लोगों को गुस्से से उबाल दिया था। इस मामले को लेकर यूपी से दिल्ली तक सियासी घमासान चला।
हाथरस ( Hathras ) के   इलाके के एक गांव में 14 सितंबर 2020 को अनुसूचित जाति की एक युवती के साथ दरिंदगी हुई। आरोप लगा गांव के ही चार युवकों ने दुष्कर्म किया और उसकी गला दबाकर हत्या करने का प्रयास किया।  पुलिस ने युवती के बयान के आधार पर चारों अभियुक्त संदीप, रवि, रामू व लवकुश को गिरफ्तार कर लिया था।
युवती को गंभीर हालत में बागला जिला संयुक्त चिकित्सालय लाया गया। इसके बाद उसे अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। उसे 28 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया। जहां 29 सितंबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। जब शव हाथरस लाया गया, तो पुलिस ने बिना परिजन की अनुमति के उसी रात शव का अंतिम संस्कार कर दिया था।
इस घटना के फोटो और वीडियो वायरल हुए तो जगह-जगह विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। मामला बढ़ने पर प्रदेश सरकार ने एसपी और सीओ सहित पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद 11 अक्टूबर को मामले की जांच CBI को सौंप दी।
मामले की विवेचना  ने की थी। सीबीआई ने चारों अभियुक्तों संदीप, रवि, रामू व लवकुश के खिलाफ आरोपत्र विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी एक्ट) के न्यायालय में दाखिल किया था। सीबीआई ने आरोप पत्र धारा 302, 376 ए, 376 डी, व एससी-एसीटी एक्ट के तहत दाखिल किया था। सीबीआई ने 67 दिनों तक विवेचना की। 

आरोपी पक्ष के वकील मुन्ना सिंह पुंढीर ने कहा, “रवि सिंह, रामू सिंह, लवकुश सिंह को निर्दोष मानते हुए बरी किया गया है। संदीप को उम्रकैद की सजा दी गई है। साथ ही, 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। ऐसा कोई गवाह नहीं मिला, जिसके बयान से गैंगरेप की पुष्टि हो।

सीबीआई ने जो चार्जशीट दी थी, उसमें 302, 376-ए, 376-ए व 376-बी में आरोपी बनाया था, लेकिन इन धाराओं की पुष्टि नहीं हो पाई। ये पूरा केस बनाया गया था। यही होना ही था, संदीप भी निर्दोष है, ये भी छूटेगा। इसके लिए हम लोग हाईकोर्ट जाएंगे।”

दिल्ली का निर्भया केस लड़ने के बाद चर्चा में आई सीमा कुशवाह ने हाथरस कांड  ( Hathras Case ) की  भी इस मामले में पैरवी की। गुरुवार को फैसले के बाद उन्होंने कहा, “हम इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे। मुझे उम्मीद है कि आज एक को सजा मिली है। बाद में इन तीनों आरोपियों को भी सजा मिलेगी। अगर एक ही आरोपी था तो तीन अन्य लोगों के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट क्यों फाइल की थी। शुरुआत से इस मामले को राजनीतिक नजरिए की तरह से देखा गया। मुझे लगता है कि इस केस में बहुत कुछ राजनीतिक प्रभाव दिख रहा है। अगर जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे।”

Raju Upadhyay

Raju Upadhyay is a veteran journalist with experience of more than 35 years in various national and regional newspapers, including Sputnik, Veer Arjun, The Pioneer, Rashtriya Swaroop. He also served as the Managing Editor at Soochna Sahitya Weekly Newspaper.