हरियाणा (Haryana ) के बहुचर्चित एयर होस्टेस गीतिका शर्मा सुसाइड केस ( Geetika Sharma)में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को विधायक गोपाल कांडा ( Gopal Kanda )को बरी कर दिया। हरियाणा के गृह राज्य मंत्री रह चुके कांडा इस केस के मुख्य आरोपी थे।
वे इस मामले में 18 महीने जेल में भी रह चुके हैं। 11 साल बाद आए इस फैसले पर जब कांडा से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने हाथ जोड़े और कुछ नहीं कहा।
हालांकि बाद में गोपाल कांडा ( Gopal Kanda )ने मीडिया से कहा- ”मेरे खिलाफ एक भी सबूत या कुछ नहीं था। यह सिर्फ और सिर्फ बनाया गया था। ये किस सोच से और क्यों बनाया गया था? ये कोर्ट ने आज फैसला दे दिया है। ये सबके सामने है।”
गोपाल कांडा( Gopal Kanda ) के वकील ने कहा कि पहले दिन से ही उनके क्लाइंट के खिलाफ एविडेंस नहीं थे। कोर्ट ने कांडा के साथ उनकी एयरलाइंस कंपनी, MDLR कंपनी की मैनेजर अरूणा चड्ढा को भी इस केस में बरी कर दिया।
वहीं इस फैसले के बाद गीतिका ( Geetika Sharma) के भाई अंकित ने कहा कि मैं अभी बात करने की स्थिति में नहीं हूं। अभी सोचूंगा कि हमें आगे क्या करना है?
गोपाल कांडा ( Gopal Kanda )के लिए यह फैसला काफी राहत भरा रहा क्योंकि इस पर उनका राजनीतिक भविष्य टिका था। अगर कोर्ट दोषी ठहरा देती तो उनका विधायक पद जा सकता था।
गीतिका विधायक कांडा( Gopal Kanda ) की एयरलाइंस में एयर होस्टेस के तौर पर काम करती थी। उसने 23 साल की उम्र में 5 अगस्त, 2012 को दिल्ली के अशोक विहार स्थित अपने ही फ्लैट में सुसाइड कर लिया था। गीतिका के परिवार ने गोपाल कांडा पर गीतिका को परेशान करने का आरोप लगाते हुए उसे ही मौत का जिम्मेदार बताया था।
गोपाल कांडा सबसे पहले साल 2009 में निर्दलीय विधायक बने थे। इसके बाद वह भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में गृह राज्यमंत्री बने। कांडा की तरक्की सबसे लिए एक अजूबा थी क्योंकि खराब रेडियो-टीवी रिपेयर करने से लेकर राज्य के ताकतवर शख्स के रूप में अपनी पहचान बनाना कोई आसान काम नहीं था। इसके लिए गोपाल कांडा के राजनेताओं और अधिकारियों से नजदीकी रिश्ते भी एक बड़ी वजह थे।