उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के कासगंज ( Kasganj ) जिले में केए महाविद्यालय के 19 अगस्त से लापता हुए हिंदी विभाग के प्रोफेसर डॉ. केशव पांडे (Professor Keshav Pandey)का शव कुएं से बरामद किया गया है। प्रोफेसर के शव की शिनाख्त बुधवार को हुई। पुलिस अधिकारियों ने फारेंसिक टीम को बुलाकर नमूने लिए। डॉक्टर के पैनल और वीडियोग्राफी के साथ प्रोफेसर के शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया है। अभी मौत की वजह स्पष्ट नहीं हुई है।
प्रोफेसर केशव पांडे (Professor Keshav Pandey)19 अगस्त की रात्रि से अचानक घर से कहीं चले गए थे। वह चित्रगुप्त कॉलोनी में गली संख्या 5 में किराए के मकान पर रहते थे। पत्नी ममता पांडे और पुत्र प्रवीन पांडे ने पिता के लापता होने की सूचना सोशल मीडिया पर वायरल की और पुलिस को भी दी। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज की थी।
पुलिस ने बुधवार को परिवार के लोगों को एक शव मिलने की सूचना दी। इस पर परिवार के लोगों ने शव देखकर शिनाख्त की। मामले की जानकारी साथी प्रोफेसरों को मिली तो महाविद्यालय के प्राचार्य व अन्य प्रोफेसर वहां पहुंच गए। प्रोफेसर के शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया। पैनल ने पोस्टमार्टम किया। इसके बाद परिवार के लोग उनका शव लेकर बनारस अपने गांव के लिए रवाना हो गए।
प्रोफेसर केशव पांडे (Professor Keshav Pandey)मूल रूप से बनारस जनपद के कैथी के रहने वाले थे। उनका परिवार वहीं रहता था। वह यहां अकेले रहते थे। 5-6 दिन पहले उनकी पत्नी व पुत्र यहां आए थे। उन्होंने वर्ष 2003 में महाविद्यालय में तैनाती पाई थी। पत्नी ममता पांडे ने प्रोफेसर की मौत के मामले में महाविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि महाविद्यालय प्रशासन ने उनकी जुलाई माह की सैलरी नहीं दी थी। इसको लेकर वे परेशान थे।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एके रुस्तगी ने बताया कि बिना सूचना गैर हाजिर रहने के कारण उनका जुलाई माह का वेतन रुका था। उन्होंने न कोई एप्लीकेशन दी। न ही छुट्टी के लिए अन्य प्रपत्र दिए। 19 अगस्त को वह पत्नी के साथ आए थे तो उन्हें कुछ औपचारिकताएं बताई गईं और वेतन जारी करने को कहा गया। इससे पति-पत्नी दोनों संतुष्ट थे।