कांग्रेस ने टीका राम जूली( Tikaram Jully )को राजस्थान ( Rajasthan ) विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया है। मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने टीका राम जूली की नियुक्ति के आदेश जारी किए। भाजपा सरकार के गठन के बाद से नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने को लेकर चर्चा चल रही थी, लेकिन इसे लेकर फैसला नहीं हो पा रहा था। टीकाराम जूली अलवर ग्रामीण विधानसभा सीट से विधायक हैं। गहलोत सरकार में वे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री भी रह चुके हैं।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने मंगलवार को ये आदेश जारी किए। कांग्रेस ने इस बार नेता प्रतिपक्ष के पद पर दलित चेहरे को जिम्मेदारी देने का फैसला किया है। राजस्थान विधानसभा के इतिहास में पहली बार दलित चेहरे को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। अब तक कांग्रेस-बीजेपी किसी ने दलित को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया था। साथ गोविंद सिंह डोटासरा प्रदेशाध्यक्ष बने रहेंगे।
राजस्थान में 1952 से लेकर आज तक कांग्रेस और बीजेपी ने कभी भी दलित वर्ग के विधायक को प्रतिपक्ष का नेता नहीं बनाया था। टीकाराम जूली ( Tikaram Jully )राजस्थान में पहले दलित वर्ग के नेता हैं, जो इस पद को संभालेंगे। अब तक सवर्ण और ओबीसी नेता ही इस पद पर रहे हैं।
टीकाराम जूली ( Tikaram Jully )अलवर ग्रामीण से तीसरी बार विधायक बने हैं। गहलोत सरकार में वे पहले राज्य मंत्री थे, इसके बाद उन्हें प्रमोट करके कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। जूली भंवर जितेंद्र सिंह के नजदीकी माने जाते हैं। जूली काे नेता प्रतिपक्ष बनाने में जितेंद्र सिंह का बड़ा रोल माना जा रहा है।
अलवर ग्रामीण से विधायक टीकाराम जूली( Tikaram Jully ) ने नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद कहा कि हम सरकार को जनहित के फैसले लेने के लिए बाध्य करेंगे। एक महीने में मुख्यमंत्री पर्ची से निकले हैं, मंत्री और उनके विभाग पर्ची से निकले हैं। बिना चुनाव लड़े व्यक्ति को इन्होंने मंत्री बना दिया था। सरकार ने बनते ही आदेश निकाला की नए टेंडर, वर्क ऑर्डर रोक दिए। दूसरी तरफ कह रहे हैं, एक महीने में 100 दिन की कार्ययोजना के काम पूरे कर दिए। मैं तो यह पूछता चाहता हूं कि जब एक महीने से तो नए कामों पर रोक लगी हुई है तो पूरा कहां से कर दिया?