पश्चिम बंगाल ( West Bengal) की ममता बनर्जी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है।नबन्ना मार्च (‘Nabanna March’)की अगुवाई करने वाले पश्चिम बंग छात्र समाज के नेता सायन लाहिड़ी (Sayan Lahiri) की कलकत्ता हाई कोर्ट से मिली जमानत के फैसले के खिलाफ ममता सरकार की याचिका को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया और जमानत रद्द करने से साफ इनकार कर दिया।
सायन लाहिड़ी (Sayan Lahiri)के बारे में दावा किया गया है कि वह 27 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में महिला चिकित्सक के दुष्कर्म और हत्या के विरोध में राज्य सचिवालय नवान्न भवन तक आयोजित नबन्ना मार्च (‘Nabanna March’)के आयोजकों में से एक हैं।
पुलिस ने कहा कि रैली का नेतृत्व करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए लाहिड़ी (Sayan Lahiri)को 27 अगस्त की शाम को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस का दावा है कि रैली के दौरान सार्वजनिक और प्राइवेट संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया और पुलिस अधिकारियों पर भी हमले हुए थे।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ द्वारा याचिका की सुनवाई हुई। कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल छात्र समाज के नेता सायन लाहिड़ी को जमानत दी थी। यह संगठन, एक अपंजीकृत छात्र समूह है। यह उन दो संगठनों में एक है जिसने 27 अगस्त के ‘नबन्ना’ (राज्य सचिवालय) अभियान का आह्वान किया था।
सायन (Sayan Lahiri)की मां अंजलि की याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को उसे शनिवार अपराह्न दो बजे तक पुलिस हिरासत से रिहा करने का आदेश दिया था। अंजलि ने अपनी याचिका में बेटे के खिलाफ कार्यवाही को रद्द करने और उसे जमानत देने का अनुरोध किया था। कोलकाता पुलिस ने शनिवार को लाहिड़ी को अपनी हिरासत से रिहा कर दिया।