Tuesday, October 08, 2024

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Uttar Pradesh :प्रयागराज के स्वरूप रानी अस्पताल में डॉक्टर कार्तिकेय श्रीवास्तव ने एनेस्थीसिया का ओवर डोज इंजेक्शन लगा कर ली आत्महत्या, कार में मिला शव 

Dr Kartikeya Srivastava Kills Self with Anesthesia Overdose in SRN Hospital in UP's Prayagraj

 (   के  में स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के  29 वर्षीय डाक्टर कार्तिकेय श्रीवास्तव(Dr Kartikeya Srivastava ) का शव कार में मिला है। वह स्वरूप रानी अस्पताल (SRN) में तैनात थे। शनिवार रात 11.45 बजे के करीब साथी डॉक्टर हॉस्पिटल से निकलने लगे तो कैंपस में उनकी कार खड़ी थी।

पास जाकर देखा तो कार की अगली सीट पर डॉ. कार्तिकेय श्रीवास्तव (Dr Kartikeya Srivastava )का शव पड़ा था। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। जांच की तो कार के अंदर सिरिंज और एनेस्थीसिया में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन की शीशी मिली। डॉक्टर के हाथ में इंजेक्शन लगाने के निशान भी मिले हैं।

पुलिस का मानना है- डॉ. कार्तिकेय (Dr Kartikeya Srivastava )ने अपने हाथ पर इंजेक्शन लगाया था, जिससे उनकी मौत हुई। हालांकि, पोस्टमॉर्टम के बाद साफ होगा कि मौत इंजेक्शन लगाने की वजह से हुई या फिर किसी और चीज से। 3 डॉक्टरों की टीम पोस्टमॉर्टम करेगी।

पुलिस यह भी जांच कर रही कि डॉक्टर ने खुद इंजेक्शन लगाए या किसी ने इंजेक्शन लगाकर उनकी जान ली है। कार में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।

डॉक्टर कार्तिकेय (Dr Kartikeya Srivastava )मूल रूप से उत्तराखंड के कोटद्वार के अपार कालावड इलाके के रहने वाले थे। यहां पर वह स्टैनली रोड पर किराए के मकान में रहते थे। शनिवार को ड्यूटी पर नहीं आए थे।मृतक डॉक्टर तीन भाई बहनों में सबसे छोटे थे। उनकी दो बड़ी बहनें हैं।

बड़ी बहन डॉक्टर अदिति जेल अधीक्षक हैं, जबकि छोटी बहन डॉक्टर हैं। परिजन आत्माराम ने बताया कि उनको अगर सुसाइड करना होता तो हॉस्पिटल क्यों आते। उनकी हत्या की गई है। जहां पर डॉक्टर ने कार पार्किंग की थी, वहां पर चार कैमरे लगे हैं, लेकिन चारों बंद थे।

अस्पताल के एक सीनियर डॉक्टर ने बताया- कार्तिकेय (Dr Kartikeya Srivastava )शनिवार को सुबह करीब 9 बजे ऑर्थो के ऑपरेशन थियेटर में आए थे। उन्होंने अपने जूनियर से हाथ में वीगो लगाने के लिए कहा। बोले- वीगो लगा दो, हम इंजेक्शन लगा लेंगे। उनके कहने पर जूनियर ने उनके हाथ में वीगो लगा दिया। इसके बाद डॉ. कार्तिकेय वहां से चले गए। फिर वह दिनभर अस्पताल नहीं आए। कुछ साथियों ने मोबाइल पर फोन किया था, लेकिन बात नहीं हो सकी।

रात में जब अन्य जूनियर डॉक्टर निकलने लगे तो कार्तिकेय की कार हॉस्पिटल कैंपस में SIC ऑफिस के बाहर पार्किंग में खड़ी दिखी। जब साथियों ने अंदर झांका तो उसमें कार्तिकेय बेसुध पड़े थे। कार का गेट खुला था, तुरंत उन्हें 8 नंबर मेडिसिन वार्ड ले जाया गया। पल्स वगैरह चेक की गई तो नहीं मिला। यानी पहले ही उनकी मौत हो गई थी।मौके पर पहुंचे डीसीपी सिटी अभिषेक भारती ने बताया कि डॉक्टर की बॉडी उनकी कार से बरामद हुई है।प्रथम दृष्टया मामला सुसाइड का ही है. इसके पीछे कारण क्या है, ये जांच के बाद ही पता चलेगा।

कार्तिकेय की शादी नहीं हुई थी। वह मेडिकल कॉलेज कैंपस के हॉस्टल में नहीं रहते थे। वह किराए का कमरा लेकर रहते थे। कार्तिकेय के पैर की नसों में ब्लॉकेज की दिक्कत थी।

 

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels

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