मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण केस(MUDA case) में कर्नाटक ( Karnataka) के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ( Siddaramaiah ) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लोकायुक्त की प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए सिद्धारमैया के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया है। पिछले हफ्ते बंगलूरू की एक विशेष अदालत ने इस मामले में सिद्धारमैया के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस को जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
ईडी ने मुख्यमंत्री और अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दायर की है। गौरतलब है कि सिद्दरमैया, उनकी पत्नी बी एम पार्वती, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू समेत अन्य लोगों के खिलाफ मैसूर स्थित लोकायुक्त पुलिस ने 27 सितंबर को एफआईआर दर्ज की थी।
सिद्धारमैया ( Siddaramaiah ) ने पिछले हफ्ते कहा था कि उन्हें मुडा मामले में विपक्ष की ओर से निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि वे उनसे डरे हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि यह उनके खिलाफ राजनीतिक मामला है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि वह जांच के आदेश के बाद भी इस्तीफा नहीं देंगे, क्योंकि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है और वह इस मामले को कानूनी तरीके से लड़ेंगे।
मुडा शहरी विकास के दौरान अपनी जमीन खोने वाले लोगों के लिए एक योजना लेकर आई थी। 50:50 नाम की इस योजना में जमीन खोने वाले लोग विकसित भूमि के 50% के हकदार होते थे। यह योजना 2009 में पहली बार लागू की गई थी। जिसे 2020 में उस वक्त की भाजपा सरकार ने बंद कर दिया।
सरकार द्वारा योजना को बंद करने के बाद भी मुडा ने 50:50 योजना के तहत जमीनों का अधिग्रहण और आवंटन जारी रखा। सारा विवाद इसी से जुड़ा है। आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को इसी के तहत लाभ पहुंचाया गया।
Enforcement Directorate (ED) today registered an ECIR (Enforcement Case Information Report) in alleged money laundering case against Karnataka Chief Minister Siddaramaiah, linked to the Mysuru Urban Development Authority (MUDA): Sources
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— ANI (@ANI) September 30, 2024