हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्तूबर को मतदान होगा। मतदान से पहले डेरा सच्चा सौदा ( Dera Sachcha Sauda ) प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim ) जेल से बाहर आएगा। चुनाव आयोग ने सरकार को इसके लिए मंजूरी दे दी है। हर बार चुनावी सीजन में जेल से बाहर आने वाले राम रहीम को पैरोल पर बाहर आने के लिए सशर्त अनुमति दी गई है। शर्तों के अनुसार राम रहीम हरियाणा में नहीं आएगा। किसी तरह विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने, कोई जनसभा करने और सोशल मीडिया के जरिए किसी तरह की अपील करने पर पाबंदी रहेगी। इन सभी शर्तों की अवहेलना करने पर राम रहीम की पैरोल को तुरंत रद्द कर उसे वापस जेल भेजने के निर्देश हैं।
चुनाव आयोग ने सोमवार को डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim ) को पैरोल देने के लिए राज्य सरकार अनुमति दी है। राम रहीम ने 20 दिनों की पैरोल मांगी थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने हरियाणा सरकार को इजाजत दी है।डेरा प्रमुख 10 बार पैरोल या छुट्टी पर जेल से बाहर आ चुका है।सुनारिया जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे राम रहीम इसी आठ सितंबर को 21 दिन पैरोल अवधि खत्म होने के बाद वह जेल में पहुंचा था।
चुनाव से पहले पैरोल के आवेदन से हरियाणा की राजनीति में हलचल पैदा हो गई है। चूंकि प्रदेश की 20 से अधिक सीटों पर डेरा सच्चा सौदा का प्रभाव रहता है, इसलिए राजनीतिक दृष्टि से इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है।क्योंकि राम रहीम हर चुनाव के समय अपने अनुयायियों को संदेश देते रहे हैं। उनका पंजाब से लगती विधानसभा सीटों पर प्रभाव माना जाता है। अब सोमवार को गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim ) की पैरोल पर निर्णय आ सकता है।
हरियाणा चुनाव आयोग के प्रवक्ता एचसीएस अधिकारी मनीष लोहान ने बताया कि सरकार की तरफ से राम रहीम को आपातकालीन वजह बताकर पैरोल देने के संबंध में परामर्श के लिए आयोग को पत्र आया था। पत्र में लिखा था कि राम रहीम जेल से बाहर आने के बाद हरियाणा में नहीं आएगा। इसके अलावा वह चुनाव को किसी भी तरह प्रभावित नहीं करेगा और न कोई जनसभा या सोशल मीडिया पर अपील करेगा। इसके बाद चुनाव आयोग ने सरकार से पूछा था कि राम रहीम को पैरोल देने के लिए उक्त सभी शर्तों की जांच कर लें। इसकी पुष्टि कर लें कि इन शर्तों की पालना पूरी तरह से होगी। इसके बाद सरकार अपने स्तर पर राम रहीम के पैरोल देने या न देने पर फैसला ले सकती है।