उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) में लखनऊ पुलिस की कस्टडी में शनिवार को हुई व्यापारी मोहित पांडेय ( Mohit Pandey)की मौत का मामला गरमा गया है। रात तक परिजनों ने लोहिया अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया। इसके बाद रविवार को मृतक की पत्नी और मां के साथ इलाके के लोग शव लेकर विभूतिखंड में मंत्री आवास के सामने धरने पर बैठ गए। पहले पुलिस ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन विरोध बढ़ता देख शव उठाकर मृतक के घर ले गई।
इस बीच, सपा नेत्री पूजा शुक्ला भी घटना का विरोध करने पहुंचीं। वह बीच सड़क पर बैठ गईं। पुलिस ने उनको घसीटकर वहां से हटाया और हिरासत में ले लिया। बीकेटी से भाजपा विधायक योगेश शुक्ला भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने माना कि पुलिस से गलती हुई है। परिवार को सीएम योगी से मुलाकात करवाने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने मृतक की मां और पत्नी को 1 लाख रुपए के चेक दिया। चिनहट थाने के एसओ अश्विनी चतुर्वेदी को हटा दिया गया है।
मोहित ( Mohit Pandey)की मां ने विधायक से कहा- पुलिस ने मेरे बेटे को तड़पा-तड़पा कर मार डाला। अब हमारी आवाज दबाई जा रही है। इधर, रविवार सुबह चिनहट थाने के लॉकअप के CCTV भी सामने आए। परिवार का कहना है कि पुलिस ने इसे जानबूझकर जारी किया। 17 घंटे के घटनाक्रम में 5 मिनट का ही फुटेज क्यों जारी किया गया?
पूरी घटना 600 रुपए के लेन-देन से शुरू हुई थी। मोहित और उसके साथी आदेश के बीच झगड़ा हुआ। आदेश ने पुलिस बुलाई। मोहित (32) को पुलिस पकड़कर थाने ले गई। भाई शोभाराम छुड़ाने पहुंचा तो उसे भी लॉकअप में बंद कर दिया। शोभाराम ने बताया, रात में पुलिस ने मोहित और मेरी पिटाई की, जिससे मोहित पांडेय की मौत हो गई।
मामले में पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र कुमार सेंगर ने चिनहट थाने के इंस्पेक्टर अश्वनी चतुर्वेदी को हटा दिया है। उनकी जगह गाजीपुर थाने से भरत कुमार पाठक को चिनहट थाने का नया इंस्पेक्टर नियुक्त किया गया है।
मृतक मोहित ( Mohit Pandey)की मां ने चिनहट थाने में इंस्पेक्टर अश्वनी चतुर्वेदी सहित अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया है।सीसीटीवी सामने आने के बाद परिवार के लोगों ने कई सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि 17 घंटे के घटनाक्रम में केवल 5 मिनट का ही फुटेज क्यों जारी किया गया। मोहित को अस्पताल ले जाने से पहले और तबीयत बिगड़ने के दौरान का फुटेज क्यों नहीं जारी किया गया।