उत्तर प्रदेश के वृंदावन (Vrindavan) स्थित प्रेम मंदिरव भक्ति धाम मनगढ़ कुंडा के संस्थापक जगद्गुरु कृपालु महाराज( Jagadguru Kripalu Maharaj) की बड़ी बेटी विशाखा त्रिपाठी की सड़क हादसे में मौत हो गई। रविवार सुबह आगरा-नोएडा यमुना एक्सप्रेसवे ( Yamuna Expressway ) पर नोएडा के पास ये सड़क हादसा हुआ है। थाना दनकौर क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेसवे पर 8 किलोमीटर बोर्ड के पास एक कैंटर ने उनकी इनोवा हाय क्रॉस और टोयोटा कैमरी को पीछे से टक्कर मार दी में उनकी दो बहनों समेत सात अन्य लोग गम्भीर रूप से घायल हो गए।
कृपालु महाराज ( Jagadguru Kripalu Maharaj)के मुख्य शिष्य एवं प्रेम मंदिर के मुख्य सेवक अजय त्रिपाठी ने बताया कि जगतगुरू दिवंगत कृपालु महाराज की तीनों बेटियां तड़के चार बजे सिंगापुर जाने के लिये दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे जा रही थीं। इसी दौरान रास्ते में नोएडा में पीछे से आ रहे एक तेज रफ्तार टैंकर ने उनकी कारों को टक्कर मार दी।
उन्होंने बताया कि इस दुर्घटना में कृपालु महाराज ( Jagadguru Kripalu Maharaj)की दो बेटियों विशाखा त्रिपाठी (75), कृष्णा त्रिपाठी तथा श्यामा त्रिपाठी सहित आठ लोग घायल हो गए। उन्होंने बताया कि विशाखा त्रिपाठी की कुछ ही देर में मौके पर ही मौत हो गई।
उनकी दोनों छोटी बहनें गंभीर रूप से घायल हैं। दोनों को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि उनकी स्थिति बेहद नाजुक बताई जा रही है। अन्य घायलों को भी अस्पताल में उपचार जारी है।
अजय त्रिपाठी ने बताया कि मृतका विशाखा त्रिपाठी का अंतिम संस्कार वृन्दावन में ही किया जाएगा। जगतगुरू कृपालु महाराज एवं उनका परिवार मूलत: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के मनगढ़ (कुण्डा) के रहने वाले हैं। विशाखा त्रिपाठी ही वहां स्थित आश्रम की देखरेख करती थीं, जबकि उनकी दोनों छोटी बहनें क्रमश: वृन्दावन एवं बरसाना स्थित मंदिरों का कार्यभार संभालती हैं।
डाॅ. विशाखा त्रिपाठी जगद्गुरु कृपालु परिषद (कृपालु धाम, मानगढ़) की अध्यक्ष थीं। वे परिषद जगद्गुरु कृपालु परिषद शिक्षा और जगद्गुरु कृपालु चिकित्सालय का काम भी देखती थीं। भक्तों उन्हें प्यार से बड़ी दीदी कहते थे। उनका जन्म 1949 में कुंडा के पास एक छोटे से शहर लीलापुर में हुआ था। पेंटिंग में विशेषज्ञता के साथ उनके पास कला में मास्टर डिग्री थी। उनके निधन की खबर फैलते ही कृपालु जी के भक्तों में दुख की लहर फैल गई।