बांग्लादेश (Bangladesh )में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार बनने के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्तों में काफी खटास आ चुकी है।पड़ोसी मुल्क में आए दिन हिंदू समुदाय के लोगों पर हमले हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी से लेकर दुनिया के कई नेताओं ने इस बात पर चिंता जाहिर की है। इसी बीच बांग्लादेश और भारत के बीच निर्धारित विदेश सचिव स्तरीय वार्ता 9 या 10 दिसंबर को ढाका में आयोजित की गयी है।
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने जानकारी दी है कि विदेश सचिव विक्रम मिस्री का 9 दिसंबर को बांग्लादेश (Bangladesh ) का दौरा करने का कार्यक्रम है और वह अपने समकक्ष से मुलाकात करेंगे और यात्रा के दौरान कई अन्य बैठकें होंगी। विदेश सचिव के नेतृत्व में विदेश कार्यालय परामर्श एक संरचित जुड़ाव है। दोनों देशों के लिए यह बैठक काफी महत्वपूर्ण साबित होने वाली है। हम इस बैठक की प्रतीक्षा कर रहे हैं। बता दें कि, बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने की घटनाएं बढ़ गई है। वहीं भारत ने इस मामले में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील भी की थी।
बांग्लादेश (Bangladesh ) ने हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर कोलकाता में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच कोलकाता में तैनात अपने कार्यवाहक उप उच्चायुक्त सिकंदर मोहम्मद अशरफुर रहमान को परामर्श के लिए तत्काल बुलाया है। रहमान बांग्लादेश के राजनीतिक मामलों के मंत्री भी हैं और वह ढाका लौट गए हैं।
सनद रहे कि भारत और बांग्लादेश (Bangladesh )के रिश्ते पूर्व पीएम हसीना को सत्ता से हटाने के बाद से ही तनाव से भरे हुए हैं। नोबल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मोहम्मद युनूस की अध्यक्षता वाली सरकार का रवैया पूरी तरह से भारत विरोधी है। लगातार ऐसे फैसले किये जा रहे हैं जो भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने वाले हैं। साथ ही अल्पसंख्यक हिंदुओं पर भी लगातार हमला हो रहा है और उसे सरकारी एजेंसियां गंभीरता से नहीं ले रही।