मध्यप्रदेश ( Madhya Pradesh ) सरकार की कैबिनेट बैठक में ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। कैबिनेट ने 17 धार्मिक नगरों में शराबबंदी( liquor ban) लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत एक अप्रैल से अब प्रदेश के 17 धार्मिक नगरों में शराब नहीं बिकेगी और दुकानें बंद हो जाएंगी।महेश्वर में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक इसका फैसला लिया गया।
कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि जो दुकानें बंद की जाएंगी, उन दुकानों को कहीं और शिफ्ट नहीं किया जाएगा। ये पूर्णत बंद होंगी। मप्र के शहरों के धार्मिक महत्व को देखते हुए ये फैसला लिया गया है। शहरों के अलावा नर्मदा नदी के दोनों किनारों के पांच-पांच किमी दायरे तक शराब दुकान नहीं रहेंगी।
महाकाल ज्योतिर्लिंग होने के कारण उज्जैन को शराब से मुक्त ( liquor ban) किया जा रहा है। यहां की सभी दुकानें बंद की जाएंगी। यानी कि उज्जैन नगर निगम का दायरा शराब से मुक्त रहेगा। इसके अलावा अलग-अलग नगर पालिकाएं, नगर पंचायतें भी पूरी तरह से शराब मुक्त की गईं हैं।
मप्र के अन्य बड़े शहर जहां पर धार्मिक कारणों से शराबबंदी ( liquor ban) लागू की गई है, उनमें दतिया एक मुख्य जगह है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि पीतांबरा पीठ होने की वजह से यहां शराबबंदी की गई है। वहीं अमरकंटक नर्मदा का उद्गम स्थल है। इस वजह से यहां शराब प्रतिबंधित रहेगी। मंदसौर में पशुपतिनाथ का मंदिर है। यहां के लोग लंबे समय से शराब बंदी की मांग भी कर रहे थे। मैहर में माता शारदा विराजित हैं। इसके अलावा पन्ना में भी शराब पर रोक लगाई गई है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कैबिनेट की बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य शराबबंदी ( liquor ban) की दिशा में अपने कदम आगे बढ़ा रहा है। समय के साथ मध्यप्रदेश में भी पूर्ण शराबबंदी ( liquor ban) होगी। पर इसमें वक्त लगेगा। सीएम ने कहा कि राज्य धीरे-धीरे शराबबंदी की तरफ बढ़े, इस क्रम में आज एक नीतिगत निर्णय हुआ है। इस वजह से पहले चरण में 17 धार्मिक नगरों को चुना गया है। इनमें नगर पालिका, नगर परिषद और नगर पंचायत क्षेत्र शामिल हैं। इन दुकानों को दूसरी जगह शिफ्ट भी नहीं किया जाएगा। यह निर्णय हमेशा के लिए किया गया है।
इन शहरों के अलावा मंडला- नगर पालिका, मुलताई नगर पालिका, सलकनपुर ग्राम पंचायत, बरमानकलां, लिंगा, बरमानखुर्द ग्राम पंचायत, कुंडलपुर ग्राम पंचायत, बांदकपुर ग्राम पंचायत, ओंकारेश्वर नगर पंचायत, महेश्वर नगर पंचायत, मण्डलेश्वर नगर पंचायत, ओरछा नगर पंचायत, चित्रकूट नगर पंचायत शामिल हैं। बरमानकलां, लिंगा और बरमानखुर्द तीनों गांव एक ही ग्राम पंचायत में आते हैं।
वहीं कैबिनेट मीटिंग में ये भी तय हुआ कि विशेष परिस्थितियों में मंत्री भी अपने विभाग में ट्रांसफर कर सकेंगे।अप्रैल में ट्रांसफर पॉलिसी के लागू होने तक यह व्यवस्था लागू रहेगी। मंत्री गंभीर बीमारी या शारीरिक/ मानसिक दिव्यांगता आदि के आधार पर निर्णय ले सकेंगे। सीएम ने बताया कि महू में स्थापित आंबेडकर विश्वविद्यालय के लिए 25 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इसे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा।
इसके साथ ही कैबिनेट ने नारी सशक्तिकरण मिशन को मंजूरी दी है।कैबिनेट की बैठक वंदे मातरम गान के साथ शुरू हुई। कैबिनेट बैठक लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर को समर्पित की गई है। मुख्यमंत्री के सामने टेबल पर अहिल्या माता की मूर्ति रखी गई। कैबिनेट से पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अहिल्या घाट पर मंत्रियों के साथ नर्मदा पूजन किया।